वैसे तो बॉलीवुड में हर साल सैकड़ों अलग-अलग तरह की फिल्में बनाई जाती हैं। जिनमें ज़्यादातर कॉमेडी, रोमांस, ड्रामा, ऐक्शन और थ्रिलर फिल्में होती हैं। लेकिन इन सब के बीच भारत जैसे देश में जहां देशप्रेम और देशभक्ति जैसे शब्द बेहद आम होते हैं और हर नागरिक देशभक्त होना पसंद करता है। वहां देशभक्ति पर बनी फिल्में भी कॉफी पसंद की जाती हैं और अच्छा बिज़नेस भी करती हैं। ऐसे में रिपब्लिक डे के मौके पर आज हम आपको ऐसी 5 देशप्रेम और देशभक्ति से भरी की फिल्मों के बारे में बताने जा रहे है जो आपको भी एक भारतीय होने पर गर्व महसूस करा देगी।
शेरशाह
इस फिल्म में कैप्टन विक्रम बत्रा की वीरता की कहानी बयां की गई है। शेरशाह बाकी फिल्मों से अलग है क्योंकि यह पूरी तरह एक शहीद की असली बहादुरी पर केंद्रित है। फिल्म शेरशाह खास तौर पर दिखाती है कि हमारी सेना के जांबाजों ने कैसे 16 हजार से 18 हजार फीट ऊंची ठंडी-बर्फीली चोटियों पर चढ़ते-बढ़ते हुए दुश्मन पाकिस्तानी फौज को हार का मज़ा चखा दिया था। वह कैप्टन विक्रम बत्रा और उनके जैसे बहादुर ही थे, जिनकी बदौलत देश ने हमारी सीमा में घुसी पाकिस्तानी सेना को ठिकाने लगाया। पाकिस्तान का झूठा एहंकार ऐसा था कि उसने युद्ध छेड़ने के आरोप से इंकार करते हुए अपने सैनिकों की लाशें स्वीकारने तक से इंकार कर दिया था। तब हमारी सेना ने पूरे सम्मान के साथ उन्हीं चोटियों पर दुश्मन सिपाहियों को दफन किया। फिल्म में यह बात बताई गई है, जो निश्चित ही पाकिस्तान को आईना दिखाएगी।
सरदार उधम
अमेजन प्राइम पर रिलीज हुई यह फिल्म तथ्यों के साथ सरदार उधम की जिंदगी की कहानी बताती है। जो निश्चित ही जानने और देखने लायक है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के कई शहीदों को अभी न्याय और सम्मान मिलना बाकी है। वह जो इतिहास के पन्नों में कुछ पंक्तियों में सिमट गए। इस फिल्म में दिखाया गया है कि सरदार उधम सिंह ने कैसे अपने देश के लिए अपनी परवाह न करते हुए आज़ादी का जज़्बा दिखाया है।
रंग दे बसंती
राकेश ओमप्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में पांच लड़कों की कहानी बताई गई है, जो अपनी ही सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हैं। फिल्म ‘रंग दे बसंती’ में आमिर खान, सिद्धार्थ, कुणाल कपूर, शरमन जोशी, अतुल कुलकर्णी और आर माधवन मुख्य भूमिका में नजर आये थे।
लगान
आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में बनी लगान एक काल्पनिक फिल्म है। इस फिल्म में दिखाया जाता है कि कैसे भुवन नाम का एक किसान ब्रिटिश राज के दौरान कप्तान एंड्रयू रसेल की चुनौती को स्वीकार करता है और खुद को ब्रिटिश कर से मुक्त कराते हैं।
राज़ी
यह फिल्म हरिंदर सिक्का के 2008 में लिखे उपन्यास का एक नाट्य रूपांतरण है, जो एक भारतीय अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) एजेंट की एक सच्ची कहानी बतलाती है, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय अपने पिता के फैसले पर, पाकिस्तान में सैन्य अधिकारियों के परिवार में शादी कर लेती है, ताकि भारत को खुफिया जानकारी मिल सके। इस फिल्म के गाने से लेकर डॉयलोग तक सब आपके मन में देशभक्ति का जज़्बा एक बार फिर से जगा देंगे।