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कंगना रनौत के खिलाफ शिकायत दर्ज, ‘भीख’ वाले बयान को देशद्रोह बताते हुए FIR की मांग

कंगना रनौत की आलोचना करते हुए वरुण गांधी ने कहा कि लोग कभी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के असंख्य बलिदानों को नहीं भूल सकते जिसमें लाखों लोगों की जान गई और कई परिवार तबाह हो गये।

बॉलीवुड एक्ट्रेस  कंगना रनौत एक बार फिर से विवादों में हैं। कंगना रनौत ने एक कार्यक्रम के दौरान आजादी को लेकर बयान दिया जिसपर अब बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने निशाना साधा है। वरुण गांधी ने कंगना रनौत पर स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का आरोप लगाया है और कहा है कि कंगना की सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह। 
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दरअसल, कंगना ने बयान दिया था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी, देश को असली आजादी तो साल 2014 में मिली।  कंगना रनौत के भारत की आजादी को ‘भीख’ बताने वाले बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब कंगना के इस बयान को देशद्रोह बताते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
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कांग्रेस ने कंगना की टिप्पणी को ‘देशद्रोह’ करार देते हुए मांग की है कि सरकार उन्हें अपमान करने के लिए हाल ही दिए गए पद्मश्री पुरस्कार को वापस ले ले। रनौत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि उनके बयान से पता चलता है कि जब पद्म पुरस्कारों के लिए योग्य नहीं होने वाले लोगों को ये सम्मान दिया जाता है तो क्या होता है। वल्लभ ने आगे कहा ‘भारत सरकार को महात्मा गांधी, सरदार भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सरकार वल्लभ भाई पटेल का अपमान करने वाली ऐसी महिला से प्रतिष्ठिक पद्म पुरस्कार वापस लेना चाहिए। अगर सरकार उन्हें पद्म पुरस्कार दे रही है, तो इसका मतलब है कि सरकार इन्हें बढ़ावा दे रही है।’
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कार्यक्रम में अभिनेत्री कंगना रनौत ने सवाल पूछते हुए कहा, ‘जो इतिहास पढ़ाया जाता है, उसमें बहुत से लोगों को उनके उचित श्रेय से वंचित किया गया है। अंग्रेजों को पता था कि खून बहेगा लेकिन उन्होंने तय किया कि किसका खून बहेगा। यह उनका खून नहीं होना चाहिए और इसके लिए उन्हें कुछ ऐसे लोगों की जरूरत थी जो उनकी मदद कर सकें ताकि भारत का खून बह सके लेकिन उनका नहीं। ये लोग हैं जिन्हें उदारवादी या कांग्रेस के रूप में लेबल किया जाता है जब आप एक लड़ाई के बाद जीत गए, तो आप ‘भीख’ के रूप में स्वतंत्रता कैसे प्राप्त कर सकते हैं?’

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