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दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सम्मानित निर्देशक ‘K Viswanath’ का हुआ निधन, एक्टर ‘Anil Kapoor’ ने दी श्रद्धांजलि!

टॉलीवुड जगत के दिग्गज निर्देशक के विश्वनाथ का हुआ 92 साल की उम्र में निधन, निधन का कारण उनकी बढ़ती उम्र में बढ़ती स्वस्थ समस्या का था जिनसे उन्हें दिन पर दिन स्वास्थ्यए समस्याएं हो रही थी निर्देशक ने कई नेशनल अवार्ड्स को भी अपने फिल्मी करियर में अपने नाम किया था जो आज तक एक सफल निर्देशक के रूप में जाना जाता हैं।

तेलुगु सिनेमा के जाने-माने निर्देशक विश्वनाथ का हुआ बीती रात गुरुवार को हुआ निधन, बता दे की इनकी उम्र 92 वर्ष थी। साथ ही निर्देशक को कई पुरुस्कारो से भी सम्मानित किया जा चुंका हैं। जिसमे साल 2017 में इन्हें भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादासाहेब फाल्के से सम्मानित किया गया था। विश्वनाथ जी का और सिनेमा इंडस्ट्री में कुछ यूँ फैला हुआ था कि वह अपने पूरे जीवनकाल में पांच नेशनल अवॉर्ड और 10 फिल्मफेयर अपने नाम कर चुकें थे। 
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दुनिया को अलविदा कह गए ‘के विश्वनाथ’
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बात अगर उनके निधन कि, की जाये तो आपको बता दे की दिग्गत निर्देशक काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी रोगो से घिरे हुए थे, उन्हें बढ़ती उम्र की समस्याएं भी थीं। न सिर्फ  तेलुगु सिनेमा के साथ-साथ बल्कि बॉलीवुड के लिए भी एक अपूर्ण क्षति है जिनका जाना दोनों फिल्मी इंडस्ट्री के लिए एक हीरे को खोने के बराबर हैं। इन्होने फिल्मी दुनिया में कुछ इस कदर अपना नाम बनाया की साल 1992 में के विश्वनाथ को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने रघुपति वेंकैया अवॉर्ड और नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। साथ ही साल 1995 में उन्होंने फिल्म ‘गोवरम’ से बतौर निर्देशक शुरुआत की थी। इस फिल्म में अक्किनेनी नागेश्वर राव लीड रोल में नज़र आए थे।  
एक्टर अनिल कपूर ने दी श्रद्धांजलि 

‘के विश्वनाथ’ पूरी फिल्मी दुनिया के समाज में उत्थान के लिए जाना जाता है। उनकी फिल्में जाति, रंग, विकलांगता, लैंगिक भेदभाव, कुप्रथा, शराब और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के मुद्दे को संबोधित करने के लिए काफी लोकप्रिय थी। उनके निधन के बाद फिल्म जगत में शोक की लहर छाई हुई है। वही उनके निधन की खबर सुनकर अब एक्टर अनिल कपूर ने भी निर्देशक के विश्वनाथ को श्रद्धांजलि अर्पित की हैं जिसमे एक्टर लिखते हैं- के विश्वनाथ जी आप से मैंने बहुत कुछ सीखा है। फिल्म ईश्वर के सेट पर आपके साथ मुझे मंदिर में होने का एहसास देता था… आप मेरे गुरु हैं…

वही न सिर्फ एक्टर अनिल कपूर बल्कि तेलुगु सुपरस्टार चिरंजीवीने ने भी के विश्वनाथ के निधन पर दुख जताते हुए अपने ट्वीट में लिखा- ‘मैं स्तब्ध हूं! श्री के विश्वनाथ की क्षति भारतीय / तेलुगु सिनेमा और मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक अपूरणीय शून्य है! कई प्रतिष्ठित, कालातीत फिल्मों के नायक! द लेजेंड… शांति !!’  
कैसा था ‘के विश्वनाथ’ का शुरुआती सफर 
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बात करे इनके शुरुआती करियर की तो निर्देशक गुंटूर, आंध्र प्रदेश में जन्मे थे, के विश्वनाथ ने 1951 में एक सहायक निर्देशक के रूप में तमिल फिल्म उद्योग में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने 1965 में प्रशंसित फिल्म आत्मा गौरवम के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की। फिल्म में अक्किनेनी नागेश्वर राव, कंचना और राजश्री ने मुख्य भूमिकाएँ निभाईं। पांच बार के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ने 50 से अधिक फीचर फिल्मों का निर्देशन किया है।

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