कंगना रनौत के देश की आजादी पर दिए विवादित बयान का मामला अभी चल ही रह है। आये दिनों कोई न कोई कंगना के बयान पर उनकी आलोचना करता रहता है। वहीं तीनों कृषि कानून की वापसी के बाद कंगना भड़की नजर आ रही हैं और कुछ न कुछ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही हैं। इए वजह से इन बार उनके खिलाफ एक और पुलिस में शिकायत दर्ज हुई है जो कंगना की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।
कंगना के खिलाफ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। ये शिकायत कंगना द्वारा इंस्टाग्राम पर सिख समुदाय के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर दर्ज कराई गई है। समिति के जारी बयान के मुताबिक, कंगना के खिलाफ ये शिकायत मंदिर मार्ग थाने में साइबर प्रकोष्ठ में दर्ज हुई है। समिति के लोगों का कहना है कि कंगना ने पहले जानबूझकर किसान के आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन बताया है और उसके बाद उन्होंने सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने सिखों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर कंगना पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘कंगना को या तो मानसिक रोग अस्पताल भेजा जाए या फिर जेल भेजा जाए।’
समिति का कहना है कि सोशल मीडिया पर हाल में किए गए अपने पोस्ट में रनौत ने ‘जानबूझकर’ किसानों के प्रदर्शन को ‘खालिस्तानी आंदोलन’ बताया है। बयान में कहा गया है कि एक्ट्रेस ने सिख समुदाय के खिलाफ ‘आपत्तिजनक और अपमानजनक’ भाषा का उपयोग किया था। सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझकर वह पोस्ट तैयार किया गया और आपराधिक मंशा से उसे साझा किया गया। इसलिए हम आपसे प्राथमिकता के आधार पर इस शिकायत पर संज्ञान लेने और प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कड़ी कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।’
कांग्रेस की युवा इकाई के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पांडे ने अपनी शिकायत में कहा कि कंगना रनौत एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं और इंस्टाग्राम पर उनके 78 लाख से अधिक लोग फॉलोअर हैं। इसलिए, उनके जानबूझकर किये गए, गैर-जिम्मेदाराना और राजद्रोहात्मक पोस्ट में भारतीय गणराज्य के प्रति घृणा, अवमानना और वैमनस्य भड़काने की क्षमता है।’ उन्होंने अभिनेत्री के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए, धारा 504 और धारा 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के लिए शिकायत दर्ज कराई गई है।
पीएम मोदी के ये बिल वापस लेने की घोषणा के बाद कंगना ने सरकार के इस कदम की सराहना करने वाले एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता को जवाब देते हुए लिखा था, ‘यदि सड़क पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया है और निर्वाचित सरकार संसद में यह कार्य नहीं करे, तब फिर यह एक जिहादी राष्ट्र है…उन सभी को बधाई जो इसे पसंद करते हैं।’