हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार कहे जाने वाले राजेश खन्ना यानि फिल्म इंडस्ट्री का वो सितारा, जिसके बारे में बोलना या लिखना शुरू किया जाए तो उनके अफसाने खत्म नहीं होंगे। जिनके स्टारडम के आगे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की छिप जाते थे।
राजेश खन्ना के नाम का सिंदूर उस दौर में हजारों लड़कियां लगाती थीं। उनकी दीवानगी में लड़कियां पागल थीं, राजेश खन्ना की गाड़ी को लड़कियां चूमकर लिप्सटिक से लाल कर देती थीं। उनकी कार के पहियों पर लगी मिट्टी से अपनी मांग सजा लेती थी। अगर उन्हें बुखार आ जाए तो पोस्टर पर ठंडे कपडे की पट्टी रखती थी।
राजेश खन्ना काका के नाम से मशहूर थे। काका को आई फ्लू होने पर लड़कियां उनके फोटो पर आई ड्राप डालती थीं। लेकिन राजेश खन्ना बॉलीवुड की एक खूबसूरत एक्ट्रेस की चाहत में पागल थे। हालांकि अब काका तो हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी कुछ यादें जरूर हैं।
वास्तव में काका उन कलाकारों में से थे जिन पर लडकियां अपनी जान छिटकती थीं। काका जीवंत कलाकार थे। उनकी एक्टिंग में कुछ खास बात थी। काका ही वो रीयल हीरो थे जिसने दो साल में पंद्रह हिट फिल्में दी थीं। सम्मान, दौलत और शोहरत के धनी थे राजेश खन्ना साहब। उनकी दीवानगी में लड़कियां इतनी पागल थीं, लेकिन राजेश खन्ना बॉलीवुड की एक खूबसूरत एक्ट्रेस की चाहत में पागल थे। ये एक्ट्रेस थीं टीना मुनीम।
डिंपल कपाड़िया से शादी करने के बावजूद राजेश खन्ना टीना के साथ तीन साल तक रिलेशन में रहे थे। 1976 में फिल्म ‘देश परदेश’ से बॉलीवुड में कदम रखने वाली टीना राजेश खन्ना को पसंद करती थीं। वो राजेश खन्ना के करीब आने लगीं। राजेश खन्ना डिंपल कपाड़िया से शादी कर चुके थे, बावजूद इसके उन्होंने टीना को अपने करीब आने दिया। टीना चाहती थीं कि राजेश डिंपल को तलाक देकर उनसे शादी कर लें।
काफी समय तक राजेश खन्ना ने इस बारे में कोई फैसला नहीं तो टीना ने उनसे अलग होने का फैसला कर लिया। आपको जानकर हैरानी होगी कि जब टीना उनसे दूरे हो गईं तो राजेश खन्ना उनके सामने गिड़गिड़ाए थे कि वे उन्हें छोड़कर ना जाए। राजेश खन्ना ने उन्हें खूब मनाने की कोशिश की थी, लेकिन वो नहीं रुकीं और सब खत्म हो गया।
29 दिसंबर 1942 को पैदा हुए राजेश खन्ना 1965 यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर द्वारा टैलेंट हंट के द्वारा चुने गए थे। इस हंट में फाइनल में दस हजार में से आठ लड़के चुने गए थे, जिनमें एक राजेश खन्ना भी थे। अंत में राजेश खन्ना विजेता घोषित किए गए। 18 जुलाई 2012 को वो इस दुनिया को अलविदा कह गए।