अधिकतर लोग फ़िल्में देखने के शौक़ीन होते है और बेहद कम लोग ही ऐसे होंगे जिन्हे फ़िल्में पसंद ना हो। फिल्म मनोरंजन का ऐसा साधन है जिनकी पहुंच एक अब्दे पैमाने पर है और फिल्म उद्योग पैसे से भरपूर इंडस्ट्री मानी जाती है। आपने ये भी सूना होगा की फिल्मों के ग्रेड होते है जैसे ए ग्रेड, बी ग्रेड, सी ग्रेड। अब ये सवाल भी बनता है कि फिल्मों के ये ग्रेड किस आधार पर बनाये गए है।
अक्सर लोग इस सवाल के जवाब में ए ग्रेड को अच्छी और बड़ी फ़िल्में मानते है , वहीं बी ग्रेड, सी ग्रेड को अश्लील मानते है पर ऐसा बिलकुल नहीं है। आईये जानते है फिल्मों को ये ग्रेड किस आधार पर बनाये गए है और इसमें क्या क्या मापदंड है।
ए ग्रेड – इस ग्रेड में उन फिल्मों को जगह दी जाती है जिसमे बड़े और नामी सितारे काम कर रहे हो और फिल्म का बजट भी अच्छा ख़ासा होता है। कलाकारों के साथ साथ इन फिल्मों में बड़े – भव्य सेट होते है , नामी संगीतकार और बेहतर तकनीक के इस्तेमाल से इन्हे बनाया जाता है। ये फ़िल्में देश के अधिकतर सिनेमाघरों – मल्टीप्लेक्सों में रिलीज़ की जाती है।
बी ग्रेड – ये फ़िल्में छोटे शहरों और छोटे सिनेमाहॉल्स में रिलीज़ की जाती है। इन फिल्मों में काम करने वाले कलाकार भी ज्यादा लोकप्रिय नहीं होते। इन फिल्मों का बजट भी काफी कम होता है। फिल्मोंमें कोई खास कहानी नहीं होती और अश्लीलता भी काफी होती है। फिल्मों के पोस्टर भी काफी उत्तेजक बनाये जाते ताकि लोगों को हॉटनेस के तड़के से आकर्षित किया जा सके।
सी ग्रेड – ये फ़िल्में बेहद कम बजट में बनायीं जाती है और इनमे काम करने वाले कलाकार भी काफी निचले स्तर के होते है। ये फ़िल्में काफी छोटी होती है और प्रोडक्शन हाउस भी काफी निम्न स्तर के होते है। ये फ़िल्में बी ग्रेड से भी कम जगह पर रिलीज़ हो पाती है।