संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को लेकर एक अच्छी खबर सामने आ रही है। जहां पिछले दिनों इस फिल्म को लेकर बवाल मचा हुआ तो अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को U/A सर्टिफिकेट दिया है। जिसका मतलब यह है कि फिल्म को सभी आयु वर्ग के दर्शक देख पायेंगे।
दरअसल, आलिया भट्ट की ये फिल्म हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वींस ऑफ मुंबई' पर आधारित है। फिल्म को लेकर खूब बवाल भी कटा, जिसके बाद अब काफी राहत देने वाली खबर आई है। मालूम हो फिल्म का प्रीमियर बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में हो चुका है। वहीं फिल्म अब 25 फरवरी को ही बॉक्स ऑफिस पर रिलीज की जाएगी।
हालांकि, फिल्म के चार सीन्स पर सीबीएफसी ने हटा देने का फैसला लिए जाने के बाद ही 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को U/A सर्टिफिकेट दिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार सीबीएफसी ने फिल्म में से एक गाली हटाई है। शिकायत में कहा गया है कि बिना दृश्य का विवरण दिए 17 सेकंड के लंबे संवाद और ग्राफिक्स को हटा दिया गया।
इसके अलावा पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ गंगूबाई की बातचीत को दर्शाने वाले एक सीन में भी बदलाव किया गया है। दिवंगत प्रधानमंत्री के 'गंगूबाई के कंधे पर गुलाब का फूल रखने' वाले सीन को चेंज किया है साथ ही और 43 सेकंड का संवाद भी हटा दिया। वहीं निर्माताओं को इंग्लिश और हिन्दी में 5 सकेंड का डिस्केमर डालने के लिए भी कहा गया है।
पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ गंगूबाई की बातचीत को दर्शाने वाला एक सीन भी बदल दिया गया है। दिवंगत प्रधानमंत्री के 'गंगूबाई के कंधे पर गुलाब का फूल रखने' वाला दृश्य भी बदला गया है, और 43 सेकंड का संवाद भी हटा दिया। निर्माताओं को अग्रेंजी और हिन्दी में 5 सकेंड का डिस्केमर डालने के लिए भी कहा गया है।
वैसे ये कोई नई बात नहीं जब संजय लीला भंसाली की फिल्म को लेकर कोई हंगमा हुआ है। क्योंकि भंसाली की फिल्मों का रिलीज से पहले कंट्रोवर्सी में होने आम बात हो गई है। मगर आलम ये है कि 'गंगूबाई काठियावाड़ी' तो चौतरफा फंस गई है और फिल्म के सीन्स को लेकर तूफान थमा भी नहीं था कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशक संजय लीला भंसाली को फिल्म का नाम बदले का सुझाव दे दिया।