बीबीसी वन पर साल 2016 से ही अपने पहले बेहतरीन प्रसारण से वेब सीरीज ‘द नाइट मैनेजर’ की धमक पूरे अंतर्राष्ट्रीय मनोरंजन जगत में बढ़ती ही जा रही है। अब तक पूरे 180 देशों में इसके रीमेक के अधिकार बेचे जा चुके हैं।
और अब ओटीटी प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर इसके हिंदी संस्करण का प्रसारण 17 फरवरी से होना है जोकि अब काफी नज़दीक ही हैं और उसके पहले ही इसके हिंदी वर्शन को एक बड़ी शाबासी इस सीरीज को बनाने वाली मूल कंपनी के सह संस्थापक साइमन कॉर्नवेल की तरफ से मिल चुकी है।
क्या हैं स्टोरी लाइन
साइमन ‘द नाइट मैनेजर’ के हिंदी संस्करण से इतना प्रभावित हुआ है कि इसके कुछ रंग वह अब इस सीरीज के अंतर्राष्ट्रीय संस्करणों पर भी बिखेरना चाहते हैं यह इस वेब सीरीज की सफलता में बेहद बड़ी बात हैं। बता दे कि ये वेब सीरीज ‘द नाइट मैनेजर’ एक ऐसे होटल मैनेजर की कहानी पर निर्धारित है जो नाइट शिफ्ट में काम करता है। और फिर होटल में ही संयोग ऐसा बनता है कि उसे एक महिला की मदद करनी पड़ जाती है और ये महिला जिस शख्स की पत्नी होती है, उसका संपर्क दुनिया भर में अपना कारोबार फैलाए बैठे एक ऐसे शख्स से होता है जिसके पीछे खुफिया विभाग बरसों से लगा हुआ है।
और बस फिर एक मदद इस नाइट मैनेजर की जिंदगी को पूरी तरह बदल कर रख देती है। बता दे की इसका अपना भी एक अतीत है जिससे वह दूर भागना चाहता है। लेकिन, खुफिया विभाग उसे ऐसी घुट्टी पिलाता है कि वह तमाम कोशिशों के बाद भी पूरे मकड़जाल से बाहर नहीं आ पाता है। साथ ही ये पूरी कहानी जॉन ला कारे ने अपने ‘द नाइट मैनेजर’ नाम के उपन्यास द्वारा लिखी हैं और इस उपन्यास पर ही अलग-अगल भाषाओं में इसी नाम से दुनिया भर में अब सीरीज बनती ही जा रही हैं जोकि वाकई देखने लायक फिल्म हैं।
एक्ट्रेस बानीजे एशिया के साथ मिलकर इसे जिस इंक फैक्टरी ने हिंदी में बनाया है जोकि इस उपन्यास लेखक के बेटे साइमन कॉर्नवेल की कंपनी है और कॉर्नवेल ने हिंदी में बनी ये पूरी सीरीज देख भी ली है जो उनके मन को काफी भायी हैं। इसपर वह कहते हैं, “वेब सीरीज ‘द नाइट मैनेजर’ का हिंदी संस्करण देखकर मैं तो चौंक ही गया। हम शुरू से चाहते थे कि इस कहानी को जब भारतीय दर्शकों के लिए बनाया जाए तो इसमें वे सारे तत्व होने चाहिए जो इसे एक भारतीय कहानी बनाकर ही पेश करें। सीरीज देखने के बाद मैं कह सकता हूं कि ये कहानी अपने भारतीय स्वरूप में मूल रूप से भी ज्यादा रुचिकर हो चुकी है। इसके कुछ रंग तो ऐसे निखरे हैं कि इन्हें अब मेरा मन अंतर्राष्ट्रीय विस्तार देने का होने लगा है।”