बॉलीवुड
इंडस्ट्री की आइकॉनिक फिल्मों की
कभी गिनती की जाएंगी, तो शायद साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म
‘शोले’ इस लिस्ट में
पहले स्थान पर होगी। इस फिल्म को लोग आज के वक्त में भी इतना पसंद करते है कि इसके
हर एक किरदार को उन्होंने अपने दिलों में अपनी एक खास जगह दी है। यूं तो फिल्म का हर
एक किरदार अपने आप में खास रहा ,लेकिन बात करें ‘सांभा’ के रोल की तो उसको शायद कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।
फिल्म ‘शोले’ में ‘सांभा’ के किरदार के
साथ ही उसके डॉयलॉग भी काफी फेमस रहे, लेकिन ये जानकर आपको हैरानी होगी कि जब
सालों पहले इस फिल्म की स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी, तो उसमें ‘सांभा’ का रोल था ही नहीं। ऐसा हम नहीं रहे रहे है, इस बात
का खुलासा खुद मशहूर लेखक जावेद अख्तर ने किया है।
दरअसल, हाल ही
में एक इंवेंट में शामिल होने पहंचे जावेद अख्तर ने फिल्म ‘शोले’ को लेकर एक
मजेदार किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि इस फिल्म में कभी ‘सांभा’ का किरदार था ही
नहीं। जावेद अख्तर ने कहा कि जब वो फिल्म के डायलॉग पर काम कर रहे थे तो उन्होंने
महसूस किया कि ‘गब्बर’ का कोई तो सहारा होना चाहिए।
जावेद अख्तर ने कहा
कि फिल्म में ‘गब्बर’ एक विलेन के रोल में था और उन्हें लगा कि हर बदमाश
के पास कोई न कोई चमचा होता ही है,
ऐसे में उन्होंने इस
फिल्म में भी कुछ ऐसा ही करने का सोचा। जावेद अख्तर ने कहा, ‘इस फिल्म में एक फेमस डायलॉग था, कितना इनाम रखे है सरकार
हम पर? ये कुछ जम नहीं रहा था।‘ इसके बाद ही
उनके मन में ‘सांभा’ का रोल फिल्म में लाने का आइडिया आया।
जावेद अख्तर ने सोचा
कि क्यों न ‘सांभा’ का किरदार इसमें जोड़ दिया जाए और फिर उन्होंने लिखा, ‘अरे ओ सांभा, कितना इनाम रखे है, सरकार हम पर?’। इस पर सांभा कहता है, ‘पूरे पचास हजार’। इसके बाद क्या हुआ ये तो शायद हर कोई जानता होगा। जावेद अख्तर का ये डॉयलॉग इतना फेमस हुआ कि आज भी लोगों को
मुंह जुबानी याद होगा।