बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत इन दिनों अपने एक के बाद एक विवादित बयानों की वजह से खूब सुर्खियां बटोर रही हैं। दरअसल शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने बीते दिनों कंगना रनौत को मुंबई नहीं आने की धमकी दी है,इस पर कंगना का कहना था कि मुंबई किसी के बाप का नहीं है और आने वाली 9 सितंबर को मुंबई आने का चैलेंज भी दिया था।
इसके बाद शिवसेना ने अभिने के खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन भी किया था। लेकिन यह सब कुछ देखते हुए कंगना रनौत को वाई सुरक्षा दे दी गई है,इसके लिए कंगना ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को शुक्रिया करके उनका आभार व्यक्त किया है।
अभिनेत्री ने ट्वीट कर बताया सुरक्षा के बारे में…
ये प्रमाण है की अब किसी देशभक्त आवाज़ को कोई फ़ासीवादी नहीं कुचल सकेगा,मैं @AmitShah जी की आभारी हूँ वो चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद 🙏 https://t.co/VSbZMG66LT
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 7, 2020
बता दें कि कंगना रनौत ने एक ट्वीट करके अपने आप को मिली वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलने की जानकारी दी है। कंगना रनौत ने बताया कि ये प्रमाण है कि अब किसी देशभक्त आवाज को कोई फासीवादी नहीं कुचल पाएगा। मैं अमित शाह जी की आभारी हूं वो चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिनों बाद मुंबई जाने के लिए कहते,लेकिन उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का सही ढंग से मान रखा। हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी। जय हिंद…
दरअसल संजय राउत का कहना है कि कंगना रनौत ने महाराष्ट्र और शिवाजी महाराज का अपमान किया है। अभिनेत्री का कहना था कि इस्लाम डॉमिनेट बॉलीवुड में उन्होंने पहली बार महाराज शिवाजी पर फिल्म तैयार की वो एक मराठा है। वहीं संजय राउत ने कंगना को मुंबई वापस नहीं लौटने के बारे में कहा। जिस पर रिएक्ट कर कंगना ने कहा कि वो 9 सितंबर को मुंबई आएंगी,यदि किसी के बाप में हिम्मत है तो उन्हें रोक के दिखाए।
वहीं इससे पहले कंगना रनौत यह भी कह चुकी हैं कि उन्हें फिल्म माफिया की बजाय मुंबई पुलिस से ज्यादा डर है। इसके अलावा अभिनेत्री ने यह भी कहा बॉलीवुड में ड्रग माफिया के राज खोलने के लिए उन्हें हरियाणा या हिमाचल प्रदेश पुलिस से सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत होगी। क्योंकि वह मुंबई पुलिस से सुरक्षा स्वीकार करने में कोई रूचि नहीं रखती और बस फिर यही से पूरा विवाद शुरू हुआ है।