काफी समय से बॉलीवुड फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास परफॉर्म नहीं कर रहीं। साथ ही बॉलीवुड अब लोगों को भी इंप्रेस नहीं कर पा रहा। ऐसा लग रहा है धीरे-धीरे लोगों की पसंद इतनी बदल गई है कि अब उनका हिंदी सिनेमा से सारा इंटरेस्ट खत्म हो गया और अब वो बॉलीवुड फिल्मों की स्टोरीज से ऊब चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर साउथ सिनेमा लगातार ऑडियंस को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रहा है।
ऐसे में अब करण जौहर ने बॉलीवुड की बर्बादी के पीछे क्या वजह है इसको लेकर बात की। साथ ही उन्होंने खुद को इसका ज़िम्मेद्दार बताया। अब करण जौहर ने बॉलीवुड की खामियां गिनवाई हैं। दरअसल, करण जौहर हाल ही में इंडस्ट्री को लेकर बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये है कि हम हिंदी सिनेमा की मेनस्ट्रीम इंडस्ट्री से आते हैं और इसमें मैं भी शामिल हूं, जिसकी क्वालिटी काफी अच्छी नहीं है, जो बाकी सिनेमा और पैनल के पास है।'
करण ने आगे कहा, 'वो है दृढ़ विश्वास। हम हमेशा से ही जो चलने लगता है उस पर ही ध्यान देने लगते हैं। हमारे पास 70 के दशक में सलीम-जावेद थे, जो ओरिजनल थे। ऐसे में हमने कई बेहतरीन काम देखे। 80 के दशक में अचानक बहुत कुछ हुआ और रीमेक की भरमार आ गई। तभी से कन्विक्शन कम होने लगा और हमने तमिल और तेलुगू की हर फेमस फिल्म का रीमेक बनाना शुरू कर दिया। 90 के दशक में जब 'हम आपके हैं कौन' हिट हुई, तो हम, मैं भी, लव स्टोरी बनाने के पीछे दौड़ने लगे और शाहरुख खान को बनाया।'
'हमने 70 के दशक से अपनी जड़ों को खो दिया और 2001 में जब 'लगान' को एक अकेडमी अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था, तो हमने ये तय किया कि अब हम 2010 तक इस तरह की फिल्में करते रहेंगे। 2010 में जब 'दबंग' ने अच्छा प्रदर्शन किया, तो हमने फिर से उन कमर्शियल फिल्मों को बनाना शुरू कर दिया। यही प्रॉब्लम है, जहां हम मात खाते हैं। हमारी फिल्म में दृढ़ विश्वास की कमी होती है।'
करण ने ये भी कहा, 'अगर हम स्विट्ज़रलैंड और न्यूज़ीलैंड जाकर फिल्म बनाते हैं तो लोग खुद को उस कहानी से जुड़ा हुआ महसूस नहीं करते।'