बॉलीवुड के यंग हार्टथ्रोब कार्तिक आर्यन का बॉलीवुड करियर भले ही चंद फिल्मों का हो पर वो बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी माने जाने लगे है। एक के बाद एक उनकी फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल हो रही है और बीते दो सालोँ में कार्तिक की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ा है।
फिल्म प्यार का पंचनामा से अपने करियर की शुरुआत करने वाले कार्तिक आर्यन को फिल्म ‘सोनू के टीटू की स्वीटी’ से बड़ा ब्रेक मिला। इस फिल्म के हिट होते ही उनकी गिनती बॉक्स ऑफिस पर कमाऊ सितारे के रूप में हो रही है। इन दिनों कार्तिक के पर कई बड़े प्रोजेक्ट्स की फ़िल्में है।
कार्तिक आर्यन आज जिस मुकाम पर पहुंचे है यहां तक आने के लिए उन्होंने लंबा और कठिन रास्ता तय किया है। बॉलीवुड में उनका कोई गॉड फादर नहीं है और जो कुछ भी उन्होंने हासिल किया है वो सिर्फ अपनी मेहनत के दम पर है। हाल ही में कार्तिक आर्यन ने सोशल मीडिया पर अपने संघर्ष के दिनों का खुलासा किया।
कार्तिक आर्यन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक ब्लॉग को रिपोस्ट की है जो उन्होंने सोशल मीडिया ब्लॉग ‘ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ के लिए किया था। इस ब्लॉग में कार्तिक आर्यन ने अपने जन्म, पढ़ाई , करियर के संघर्ष, माता पिता, सभी के बारे में जिक्र किया है और उनकी ये जर्नी वाकई प्रेरणादायक साबित हो रही है।
कार्तिक आर्यन ने अपने पोस्ट में लिखा है, ‘ मैं ग्वालियर में पैदा हुआ हूं और बचपन की पढ़ाई मैंने वहीं से की है। मेरे माता पिता मेडिकल फील्ड में थे और मुझे इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जाना था। नौवीं क्लास में मैंने जब बाजीगर फिल्म देखि तब मुझे अहसास हुआ कि में स्क्रीन के दूसरी तरफ रहता चाहता हूं। ‘
कार्तिक ने अपने पोस्ट में आगे लिखा , ’12वीं तक ग्वालियर में पढ़ाई के बाद मुझे नवी मुंबई में कॉलेज मिल गया और मैं होटल में रहकर पढ़ाई करने लगा। मेरे माता पिता को नहीं पता था कि मैं कॉलेज बंक करके ऑडिशन देने जाता था। मैं ऑडिशन के लिए हफ्ते में तीन-चार दिन करीब 6 घंटे के लिए सफर करता था । कई बार मुझे स्टूडियो के बाहर से ही रिजेक्ट कर दिया गया।’
कार्तिक ने अपने पोस्ट में आगे बताया , ‘मेरे पास उस समय ज्यादा पैसे नहीं होते थे, मैंने अंधेरी में 12 लोगों के साथ फ्लैट लिया था। फोटोशूट कराने तक के पैसे नहीं होते थे और ग्रुप फोटो में से अपनी तस्वीर क्रॉप करके एजेंट्स को भेजता था। इसके बाद कुझे कुछ ऐड वगैरह में काम मिला।
‘फिर फिल्म प्यार के पंचनामा के ऑडिशन में मेरा सिलेक्शन हुआ और मैंने ये बात सबसे पहले अपनी मां को काल करके बतायी। उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ था। ढाई साल के कड़े संघर्ष के बाद मेरी पहली फिल्म प्यार का पंचनामा रिलीज़ हुई और मेरा सपना सच होता हुआ लगा। इस फिल्म के बाद मैंने अपनी डिग्री पूरी की। जब मैं एग्जाम हॉल में बैठा था तो लोग मेरे साथ तस्वीरें खींच रहे थे।
‘फिल्म सोनू के टीटू की स्वीटी के बाद तो लाइफ ही बदल गयी। आखिरी बार जब में ग्वालियर गया था तो मुझे मेरे स्कूल में बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया था और बच्चे – टीचर सब मेरा नाम ले रहे थे। आज मेरे पास जो कुछ भी है वो सब मेरे विश्वास है। मुझे आज अपनी कामयाबी पर गर्व है।