बीते जमाने के बॉलीवुड की बता की जाए तो आपको आज जैसी तड़कभड़क और बोल्डनेस भले ही ना दिखाई दे पर खूबसूरती के मामले में तब की अभिनेत्रियां आज से कहीं आगे नजर आती है। आज हम आपको गुजरे ज़माने की एक ऐसी अदाकार एके बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने सिर्फ 36 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था।
इतनी कम उम्र में गुज़र जाने से पहले उन्होंने अपने अभिनय के दम पर बॉलीवुड फैंस के दिलों में जो जगह बनायीं जो शायद हमेशा याद रखी जाएगी। हम बात कर रहे है वेटेरन एक्ट्रेस मधुबाला की जिनका नाम आते ही पुराने सिनेमा की झलक आँखों में तैर जाती है।
मधुबाला को अभिनय के साथ-साथ उनकी सुंदरता के लिए भी जाना जाता है। उन्हें ‘वीनस ऑफ इंडियन सिनेमा’ और ‘द ब्यूटी ऑफ ट्रेजेडी’ जैसे नाम भी दिए गए। मधुबाला का जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में हुआ था। इनके बचपन का नाम मुमताज जहां देहलवी था।
इनके पिता का नाम अताउल्लाह और माता का नाम आयशा बेगम था। मुमताज ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1942 की फिल्म ‘बसंत’ से की थी। यह काफी सफल फिल्म रही और इसके बाद इस खूबसूरत अदाकारा की लोगों के बीच पहचान बनने लगी।
इनके अभिनय को देखकर उस समय की जानी-मानी अभिनेत्री देविका रानी बहुत प्रभावित हुईं और उन्होंने मुमताज जहां देहलवी को अपना नाम बदलकर ‘मधुबाला’ रखने की सलाह दी। वर्ष 1947 में आई फिल्म ‘नील कमल’ मुमताज के नाम से आखिरी फिल्म थी। इसके बाद वह मधुबाला के नाम से जानी जाने लगीं।
इस फिल्म में महज चौदह वर्ष की मधुबाला ने राजकपूर के साथ काम किया। ‘नील कमल’ में अभिनय के बाद से उन्हें सिनेमा की ‘सौंदर्य देवी’ कहा जाने लगा। उन्होंने भारतीय सिनेमा को ‘फागुन’, ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘काला पानी’ और ‘चलती का नाम गाड़ी’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं।
वर्ष 1960 के दशक में मधुबाला ने किशोर कुमार से शादी कर ली। उसी समय मधुबाला एक भयानक बीमारी का शिकार हो गईं। लंदन जांच से पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है और इसकी वजह से इनके शरीर में खून की मात्रा बढ़ती जा रही थी।
डॉक्टर भी इस रोग के आगे हार मान गए और कह दिया कि ऑपरेशन के बाद भी वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगी। इसके बाद उन्हें अभिनय छोड़ना पड़ा और अपना 36वां जन्मदिन मनाने के नौ दिन बाद 23 फरवरी,1969 को हुस्न की मलिका दुनिया को छोड़कर चली गईं।
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