बीते 3 महीनों से बॉलीवुड पद्मावती फिल्म को लेकर विवाद गरमाये हुए है और ये विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा। हाल ही सेंसर बोर्ड ने फिल्म में कई अहम् बदलाव करते हुए इसका नाम भी बदल देने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद इस फिल्म का नाम बदल कर पद्मावत रख दिया गया पर ये कांट छांट भी इसके फिल्म के ऊपर से विवादों के बादल नहीं हटा पायी।
ऐसा पहली बार नहीं है की किसी फिल्म को लेकर देशभर में विवाद हो रहा हो। पहले भी कई फिल्मो पर इस तरह के विवाद हो चुके है। आईये नजर डालते है इन फिल्मों पर जो खूब विवादित रहीं पर सब परदे पर सफल रही।
ए दिल है मुश्किल: 2016 में करण जौहर की फ़िल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। पाकिस्तानी एक्टर फ़वाद ख़ान के फ़िल्म में होने की वजह से इसका तगड़ा विरोध किया गया, फ़िल्म की रिलीज़ सुनिश्चित करने के लिए करण को एड़ी से चोटी का ज़ोर लगाना पड़ा था।
पीके: आमिर ख़ान की फ़िल्म ‘पीके’ का एक धर्म विशेष के लोगों ने जमकर विरोध किया। फ़िल्म में दिखाये गये धार्मिक अंधविश्वासों पर प्रहार करने की वजह से इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन किये गये।
गोलियां की रासलीला राम लीला: संजय लीला भंसाली की फ़िल्म ‘गोलियों की रासलीला राम लीला’ का टाइटल रिलीज़ से महज़ दो दिन पहले बदलना पड़ा। फ़िल्म का टाइटल पहले ‘राम लीला’ था, जबकि गोलियों की रासलीला इसकी टैगलाइन थी, क्योंकि फ़िल्म में रास रचा रहे रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण को दो दुश्मन गैंगस्टर परिवारों का दिखाया गया था।
ओएमजी- ओह माय गॉड: अक्षय कुमार की फ़िल्म ‘ओएमजी- ओह माय गॉड’ को भी धार्मिक अंधविश्वासों पर चोट करने के लिए विरोध का सामना करना पड़ा। फ़िल्म की रिलीज़ रोकने के लिए कुछ लोगों ने अदालत का भी रुख़ किया था। फ़िल्म में आध्यात्मिक गुरुओं के किरदार कुछ असली गुरुओं पर आधारित थे।
फ़ना: कई साल पहले आमिर ख़ान की फ़िल्म ‘फ़ना’ का विरोध इसलिए किया गया, क्योंकि आमिर ने गुजरात के नर्मदा डैम की हाइट बढ़ाने के ख़िलाफ़ कमेंट किया था। फ़िल्म गुजरात में रिलीज़ नहीं हो सकी। दिलचस्प बात ये है कि ये सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर कामयाब रही थीं।
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