आपने भोजपुरी फिल्मों के बारे में काफी सुना होगा जो अपने विवादस्पद कंटेंट और फूहड़ संवादों के लिए काफी चर्चाओं में रहती है। दरअसल हम इन्हे भले ही आपत्तिजनक और गैर-जिम्मेदाराना अंदाज़ समझे पर आपको बता दें ये भोजपुरी इंडस्ट्री इस ट्रेंड पर चलती है। आज हम आपको ऐसी ही भोजपुरी फिल्मों के पोस्टर दिखाने जा रहे है जिन्हे देखकर आप समझ सकते है की जब इनके टाइटल में ही कोई सीमा तय नहीं की जा पायी है तो फिल्म किस तरह की होगी।
1.आपने इंसानों को इस अपशब्द का प्रयोग करते खूब सुना होगा पर केले जैसे फल को ये गाली क्यों दी गयी है इस बारे में इस फिल्म को बनाने वाले ही बता सकते है।
2.थानेदार होना रुआब की बात है और ये काफी गरिमामयी पद माना जाता है पर जब नाम ही ऐसा होगा तो थानेदार कैसा होगा में इसकी कल्पना नहीं करना चाहता।
3.अब इसके लिए क्या कहा जाए बस में सोने पे सुहागा कह कर अपनी बात ख़तम करना चाहूंगा। हाँ आप इसे करेला वो भी नीम चढ़ा कह के बुला सकते है।
4.अब इस फिल्म का टाइटल कई तरह के अर्थ निकालता है पर जाहिर सी बात है जब जीजा जी इतने हैंडसम हो तो मामला बिगड़ना बनता है।
5.एक तरह हनी सिंह चले थे जिन्होंने दारु की डिमांड काफी बढ़ा दी थी पर एक ये जनाब है जिन्हे बीवी की डिमांड ज्यादा है। समझा जा सकता है आजकल कुंवारे लड़कों की समस्या काफी गंभीर है।
6.अब इन भोजाई यानी भाभी जीन्स वाली का मतलब क्या है समझ नहीं आता पर इतना जरूर है की इस भाभी के देवार काफी छिछोरे टाइप के होंगे।
7.हीरो तो हमने काफी देखे है पर हीरो गमछे वाला पहली बार नज़र आया है। अब आप क्या कहना चाहेंगे इस बारे में।
8.आप सोच रहे होंगे कि कहीं गलती से तो ‘गब्बर सिंह’ को ‘गोबर सिंह’ नहीं लिख दिया? मगर ‘गोबर सिंह’ ही इस फिल्म का असल नाम है। ऐसे फिल्म टाइटल शुक्र है बॉलीवुड में नहीं होते।