लता मंगेशकर के निधन को काफी समय हो गया है लेकिन अभी भी उन्हें भुला पाना मुमकिन नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अपनी दीदी लता मंगेशकर को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने इस बार एक लेटर लिखकर अपनी भावनाओ को ज़ाहिर किया है। दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
इसमें उन्हें एक लाख रुपये का कैश बतौर अवॉर्ड मिला था। अब उसी सिलसिले में उन्होंने लता मंगेशकर के भाई और संगीतकार हृदयनाथ मंगेशकर को ये लेटर लिखा। दरअसल नरेंद्र मोदी ने हृदयनाथ मंगेशकर से कहा था कि वह राशि को किसी चैरिटेबल संस्था को डोनेट कर दें। इस बारे में हृदयनाथ मंगेशकर ने एक ट्वीट भी किया।
इसमें लिखा था, ‘हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड के रूप में मिली राशि को चैरिटी के लिए देने का फैसला किया है, जो बहुत ही महान काम है। हमारे ट्रस्ट ने इस राशि को पीएम केयर्स फंड को डोनेट करने का फैसला किया है।’
Such a gracious & noble gesture by our Hon’ble PM Shri Narendra Modi ji, of donating the cash prize component of the 1st ever Lata Deenanath Mangeshkar Award to charity! Our Trust has decided to donate it to the PM Cares Fund. @narendramodi @PMOIndia pic.twitter.com/srCy9SH9SE
— Hridaynath Mangeshkar (@hridaynathdm) May 26, 2022
आपको बता दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लता मंगेशकर के साथ गहरा रिश्ता था। लता जी, पीएम मोदी को भाई मानती थीं और हर रक्षाबंधन पर राखी भी बांधती थीं। पीएम मोदी भी लता मंगेशकर को हर जन्मदिन पर बधाई देते थे। ऐसे में उनकी खलती कमी के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने लता जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को एक लेटर लिखा, जिसमें अपने दिल का दर्द बयां किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा था, ‘लता दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड के लिए मैं मंगेशकर फैमिली का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा। पिछले महीने मुंबई में अवॉर्ड सेरिमनी के दौरान मेरे प्रति जो प्यार दिखाया गया, उसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। दुर्भाग्य है कि मैं आपकी खराब सेहत की वजह से आपसे मिल नहीं पाया, लेकिन आदिनाथ ने प्रोग्राम को बहुत अच्छी तरह संभाला।’
लेटर में आगे लिखा था, ‘जब मैं अवॉर्ड लेने के लिए उठा और दो शब्द कहे तो इमोशंस का गुबार फूट पड़ा। मैं लता दीदी को मिस कर रहा था। जब अवॉर्ड ले रहा था तो तब लता दीदी के बारे में सोच रहा था। उस वक्त अहसास हुआ कि मैं अब एक राखी से गरीब हो गया। यह सोचकर गहरा धक्का लगा कि अब मेरी सेहत के बारे में पूछने के लिए, मेरा हाल-चाल लेने के लिए या ढेर सारे विषयों पर बात करने के लिए मुझे अब कोई फोन नहीं आएगा।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘इस पुरस्कार के साथ मुझे 1 लाख रुपये की नकद राशि मिली है, क्या मैं इसे किसी चैरिटेबल संस्था में डोनेट कर सकता हूं? इससे बाकी लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। लता दीदी भी यही चाहती थीं। मैं एक बार फिर मंगेशकर परिवार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं और लता दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’