फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म का मुद्दा पिछले कुछ समय से काफी तूल पकड़े हुए है। इसे लेकर अब तक कई सेलेब्स के बयान सामने आ चुके हैं। वहीं अब हाल ही में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने फिर से इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। नवाज़ का मानना है कि इंडस्ट्री में नोपिटोज्म से ज्यादा रेसिज़्म है यानी भाई- भतीजेवाद से ज्यादा नस्लवाद है। एक्टर ने ये बात मीडिया से बातचीत के दौरान कही है।
दरअसल, हाल ही में नवाजुद्दीन की ‘सीरियस मेन’ को हाल ही में The International Emmy Awards में नॉमिनेट किया है। फिल्म को बेस्ट परफॉर्मेंस (एक्टर) कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। ये फिल्म सुधीर मिश्रा ने बनाई है। इस फिल्म को लेकर हाल ही में नवाज ने मीडिया से बातचीत की और इंडस्ट्री में होने वाले नस्लभेद के बारे में बताया।
एक्टर ने कहा, ‘सुधीर साहब को सिनेमा की शानदारी जानकारी है, उनका सोचने का तरीका बहुत प्रैक्टिकल है। उन्होंने अपनी फिल्म में इंदिरा तिवारी को बतौर हीरोइन कास्ट किया। मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि इस इंडस्ट्री में बहुत रेसिज्म है। मुझे बहुत खुशी होगी अगर इंदिरा को बतौर लीड एक्ट्रेस फिर से किसी फिल्म में कास्ट किया जाएगा। सुधीर मिश्रा ने ये किया है, लेकिन बाकी लोगों का क्या? हमारे यहां नेपोटिज़्म से ज्यादा रेसिज्म की समस्या है’।
‘मैंने इस समस्या के खिलाफ कई सालों लड़ाई की है, मुझे उम्मीद है कि सांवली त्वचा वाली अभिनेत्रियों को हीरोइन बनाया जाएगा... ये बहुत ज़रूरी है। मैं स्किन कलर के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। इस इंडस्ट्री में पक्षपात होता है जिस खत्म कर के बेहतर फिल्में बनानी होंगी। मुझे कई सालों रिजेक्ट किया गया क्योंकि मेरी हाइट कम है और मैं कुछ खास नहीं दिखता, फिर भी अब मैं शिकायत नहीं कर सकता। लेकिन यहां बहुत सारे ऐसे महान एक्टर्स हैं जो पक्षपात झेलते हैं’।