किसी को न करना पड़े ये ‘सिग्नेचर’ : अनुपम खेर

किसी को न करना पड़े ये ‘सिग्नेचर’ : अनुपम खेर
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बुजुर्ग सामान होते हैं, क्या एक उम्र बीत जाने के बाद वो किसी लायक नहीं रह जाते?
जिन्होंने हमारी जिंदगी बनाने में उम्र बिता दी उनकी जिंदगी क्या महज कागज पर एक सिग्नेचर की मोहताज रह गई है, कुछ फिल्में सिर्फ फिल्में नहीं होती, एक जबर्दस्त अहसास होती हैं, वो आपको बदलने का मादा रखती हैं, जी-5 पर आई सिग्नेचर वैसी ही फिल्म है और ये फिल्म बताती है कि हम किस्मत वाले हैं जो अनुपम खेर जैसे शानदार एक्टर के दौर में जी रहे हैं, उनका काम देख रहे हैं, ये अपने आप में खुशकिस्मती ही है, वहीं पंजाब केसरी के साथ खास बातचीत में अनुपम खेर ने अपनी आने वाली फिल्म को लेकर कई खुलासे किए।
फिल्म सिग्नेचर के पॉजिटिव रिस्पॉन्स को लेकर अनुपम खेर ने बताया कि जब इस तरह से ऑडियंस का प्यार मिलता है और मूवी को इतनी प्रशंसा मिलती है तो इससे एक एक्टर को काफ़ी ज़्यादा प्रोत्साहन मिलता है, आगे उन्होंने बात करते हुए कहा कि यह फ़िल्म लोगों को सोचने पर मजबूर कर देगी और वो इस फ़िल्म से काफ़ी ज़्यादा रिलेट कर पाएंगे आख़िर उन्होंने कहानी के बारे में बात करते हुए कहा कि यह कहानी एक कॉमनमैन के बारे में है जिसकी पत्नी भी वेंटिलेटर पर होती है और कैसे ज़िंदा रखने के लिए डॉक्टरों को पैसे देने के लिए और हॉस्पिटल्स का बिल भरने के लिए अपनी पूरी ज़मीन-जायदाद बेचकर उनके पैसे चुकाता है।
आप जब कोई रिलेटिव करैक्टर प्ले करते हैं तो उसके बाद ऑडियंस आपके साथ बहुत ज़्यादा कनेक्ट कर पाते हैं तो उस तरह का प्यार जो आपको ऑडियंस से मिलता है तो आपको कैसा महसूस होता है ?
कॉमनमैन को पोर्ट्रे करना स्क्रीन पर काफ़ी ज़्यादा मुश्किल होता है सबसे ज़्यादा मुश्किल तब होता है जब आप किसी कॉमनमैन का करैक्टर प्ले कर रहे हों और ऑडियंस से कनेक्ट करना हो।
उन्होंने कहा कि वह भी एक मिडल क्लास फ़ैमिली से आते हैं वो एक आम आदमी रह चुके तो उससे उनको ऐसे में काफ़ी आसानी होती है। मैंने कई फ़िल्मों में कॉमनमैन का किरदार किया है तो मैं जानता हूं और अच्छे से समझता हूं कि आम आदमी को किस तरह से स्क्रीन पर उभार कर दिखाना है।
आजकल की जनरेशन जिस तरह से रिश्तों को निभाती है उसको लेकर आपके क्या व्यूज़ हैं?
इस पर बात करते हुए अनुपम खेर ने बताया कि आज की जनरेशन का सोशल मीडिया के साथ ज़्यादा लगाव है अपने इमोशंस को शुरू करने के लिए आज की जनरेशन सोशल मीडिया की हेल्प लेती वहीं पहले की जनरेशन इसे सामने से बयान करती थी।
पंजाब केसरी के पाठकों के लिए आप क्या मैसेज देना चाहेंगे ?
पंजाब केसरी की सीएमडी श्रीमती किरण चोपड़ा उनकी काफ़ी अच्छी दोस्त हैं और आगे उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता किस तरह शुरू से ही पंजाब केसरी के अख़बार को पढ़ा करते थे और साथ ही उन्होंने पंजाब केसरी के सभी पाठकों को यह मैसेज दिया कि उनकी फ़िल्म 'सिग्नेचर' को ज़रूर देखें और फ़िल्म को ही अपना ख़ूब सारा प्यार दें।
कहां देख सकते हैं फ़िल्म सिग्नेचर ?
सिग्नेचर जी-5 पर प्रीमियर हो चुकी है और सभी ऑडियंस उसे देख सकते हैं और उसके साथ अच्छे से कनेक्ट भी कर पाएंगे।

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