सबसे अजीब बात ये है कि इस झूमर में बल्ब लगे हुए हैं जबकि उस दौर में बल्ब थे ही नहीं। इस बड़ी गलती की तरफ ध्यान देने वाले यूजर ने लिखा, ‘एक तो सस्ता मेकअप करके हमारे छत्रपति महाराज का अपमान कर रहे हो। ऊपर से बल्ब जला रखे हैं। उस दौर में तो कनाडा में भी बिजली और बल्ब नहीं था। जब इतने बड़े किरदार पर काम करते हो तो प्रोजेक्ट में दिल और जान लगानी पड़ती है, डेली शिफ्ट की दिहाड़ी वाला एटीट्यूड नहीं चलता।’
Our Chhatrapati Shivaji Maharaj lived between 1630 to 1680.
The electric light Bulb came in about 1880 two hundred years later !
This is not even creative liberty- it’s just lazy film making & terrible that there is such disregard for facts in a film as important as this one. https://t.co/avOyDzpWkL— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) December 6, 2022
I didn’t knew thomas Edison invented bulbs in Chatrapati Shivaji Maharaj’s era.
Too much creative liberty ruins the essences. pic.twitter.com/vpqopZLlzE— Ajinkya. (@APruthviraj24) December 6, 2022
एक तो सस्ता मेकअप करके हमारे छत्रपति महाराज का अपमान कर रहे हो। ऊपर से बल्ब जला रखे हैं। उस दौर में तो कनाडा में भी बिजली और बल्ब नहीं था।
जब इतने बड़े किरदार पर काम करते हो तो प्रोजेक्ट में दिल और जान लगानी पड़ती है, डेली शिफ्ट की दिहाड़ी वाला एटीट्यूड नहीं चलता। pic.twitter.com/OfJdd7Tl2h
— îlham Ali🇮🇳 (@real_ilham_) December 6, 2022
तो दूसरे यूज़र ने लिखा, ‘मुझे नहीं पता था कि छत्रपति शिवाजी महाराज के जमाने में थॉमस एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया था। बहुत ज़्यादा क्रिएटिव लिबर्टी एसेंस को बर्बाद कर देती है।’ एक शख्स ने फैक्ट बताते हुए लिखा, ‘हमारे छत्रपति शिवाजी महाराज 1630 से 1680 के बीच रहे। बिजली का बल्ब लगभग दो सौ साल बाद 1880 में आया! ये रचनात्मक स्वतंत्रता भी नहीं है- ये सिर्फ आलसी फिल्म मेकिंग है।’ अब कुछ इसी तरह से लोग एक्टर और मेकर्स को इस गलती के लिए फटकार लगा रहे हैं।