अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत हुए करीब 1 महीना कुछ ही दिन बीते हैं कि एक्टर के निधन के बाद से सोशल मीडिया पर नेपोटिजम पर बहस तेज हुई है। वहीं इस बीच कुछ यूजर्स ने ऋचा चड्ढा को निशाना बनाया था और लोगों का कहना था कि उन्होंने सुशांत को न्याय दिलाने के लिए कुछ पोस्ट नहीं किया।
अब कुछ इन चुनिंदा लोगों की अभिनेत्री ने ब्लॉग के जरिये करारा जवाब दिया है। इस दौरान ऋचा ने लिखा सुशांत की मौत पर वो लोग किस तरह से सांत्वना देने का दिखावा कर रहे हैं, जो खुद अपने साथ न सोने वाली एक्ट्रेसस को चेंज करते रहे हैं।
एक्ट्रेस ने दोस्त को अलविदा कहते हुए लिखा ब्लॉग
ऋचा ने ट्विटर पर ब्लॉग शेयर किया है, इसको कैप्शन दिया है अलविदा दोस्त। इतना ही नहीं उन्होंने इसके साथ में यह भी लिखा है कि कृपया तभी इसे पढ़ें जब आप बदलाव को लेकर गंभीर हों, किसी के लिए द्वेष के साथ नहीं और सबके लिए प्यार के साथ। बता दें कि ऋचा ने साहीर लुधियानवी की लाइनों के साथ ब्लॉग शुरू किया है।
यहाँ इक खिलौना है
इन्सां की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है
लिखा है, साहिर लुधियानवी के ये शब्द फातिहे की तरह बीते महीने से मेरे कानों में गूंज रहे हैं।
अलविदा दोस्त…
Please read only if you are serious about change… with malice to none and love to all ! ❣ https://t.co/dTWBlyjpin.— TheRichaChadha (@RichaChadha) July 16, 2020
सुशांत सिंह राजपूत के बारे में ऋचा लिखती हैं, ‘सुशांत और मैंने एक थिएटर में साथ में वर्कशॉप किया था। मैं अंधेरी पश्चिम में दिल्ली के एक दोस्त के साथ 700 वर्ग फीट के अपार्टमेंट में रहती थी। सुशांत मुझे लेने आते थे और बाइक से लिफ्ट देते थे। इसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। मेरी स्थिति उस वक्त बहुत खराब नहीं थी लेकिन मैं ये नहीं कह सकती कि पैसे का ध्यान नहीं होता था। मैं एक स्किन ब्रांड के एड ऑडिशन के लिए जाती थी उस वक्त ऑटो रिक्शा से जाते वक्त मुझे मेकअप खराब होने का डर रहता था। यह कभी किसी स्टार किड के साथ नहीं होता और अगर उनके साथ ऐसा होता है तो ऑटो रिक्शा से उस स्थान पर पहुंचने के लिए सराहना की जाएगी। मैं उनके विशेषाधिकार पर नाराज नहीं हूं।
ऋचा ने बताया ‘इनसाइडर’ या ‘आउटसाइडर’ नहीं बल्कि…
ऋचा ने लिखा कहा जा रहा है कि इंडस्ट्री ‘इनसाइडर्स’ और ‘आउटसाइडर्स’ में बंटी है? मेरे नजरिये में हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और पूरा इको सिस्टम सिर्फ दयालु और क्रूर लोगों में बंटा है। कई डायरेक्टर्स को एक महीने पहले शोकभरे मेसेज शेयर करते देखा,इनमें से कई ने अपने साथ के लोगों की फिल्में रिलीज से पहले बर्बाद कीं, आखिर वक्त पर उन अभिनेत्रियों को रिप्लेस तक कर दिया है, जिन्होंने उनके साथ सोने से मना कर दिया और कई ने बार-बार भविष्यवाणी की ‘इसका कुछ नहीं होगा’।