नेपोटिज्म और ग्रुपिज्म जैसे शब्द अब बॉलीवुड इंडस्ट्री में बार-बार सुनाई पड़ते हैं। जबसे एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का निधन हुआ है इन शब्दों का इस्तेमाल इंडस्ट्री को लेकर लगातार किया जा रहा है। लम्बे समय से लोग बॉलीवुड इंडस्ट्री में चल रही गुटबाज़ी के खिलाफ आवाज उठाते नज़र आ रहे हैं। हाल ही में प्रियंका चोपड़ा ने बॉलीवुड को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
प्रियंका ने बताया कि कैसे बॉलीवुड में उन्हें साइड किया जा रहा था, जिसकी वजह से वो ये इंडस्ट्री छोड़ हॉलीवुड जाने का फैसला लेने पर मजबूर हो गईं। वहीं, अब प्रियंका चोपड़ा के बाद शेखर सुमन का भी इस पूरे मुद्दे पर बयान सामने आया है। अब उनका भी बॉलीवुड में हो रही गुटबाज़ी पर दर्द छलक है। शेखर सुमन ने बताया कि इंडस्ट्री में गुटबाजी के चलते उन्हें और उनके बेटे अध्ययन को कई प्रोजेक्ट्स से निकाल दिया गया। अब शेखर सुमन ‘बॉलीवुड माफिया’ पर बरसते नज़र आए हैं।
हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में शेखर सुमन ने कहा, ‘मैं इंडस्ट्री में कम से कम चार लोगों को जानता हूं, जिन्होंने अध्ययन और मुझे कई प्रोजेक्ट से निकाल दिया। इन ‘गैंगस्टर्स’ के पास काफी रसूख है और ये रैटलस्नेक से भी ज्यादा खतरनाक हैं। लेकिन, सच्चाई ये है कि वो मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं, लेकिन हमें रोक नहीं सकते।’
शेखर सुमन ने कहा, ‘प्रियंका चोपड़ा ने पहले ही रास्ता दिखाया है। उनके अलावा कई और लोग भी सुशांत सिंह राजपूत के मिस्टीरियस मर्डर के दौरान और पहले भी इस बारे में बात कर चुके हैं। हमने इस गुट के बारे में बात की है, जो फिल्म इंडस्ट्री के अंदर काम करता है। ये काफी हद तक माफियाओ की तरह है, जो प्रोडक्शन, कास्टिंग और हर मामले में सबकुछ कंट्रोल करता है। अगर वो आउटसाइडर्स को अंदर आते और दौड़ते हुए देखते हैं तो वे सुनिश्चित करते हैं कि वे स्टम्प्ड हैं।’
‘पिछले कुछ समय से ऐसा ही चल रहा है। उसी का शिकार सुशांत सिंह राजपूत हुए थे। अच्छा करने के बावजूद अचानक उन्हें लगा कि उनका फलता-फूलता करियर अचानक थम गया है। हो सकता है यही उनके डिप्रेशन की वजह भी बना।’
शेखर सुमन ने कहा, ‘जरूरी नहीं कि मैं किसी के खिलाफ बोलूं। लोग इन चीजों के बारे में बहुत संवेदनशील होते हैं, क्योंकि वो सबसे अच्छी तरह से जानते हैं। मैं एक फैक्ट जानता हूं कि कई प्रोडक्शन में अध्ययन को लिया गया था, लेकिन फिर अचानक हटा दिया गया था। मैं इसकी तह तक गया तो पता चला कि बहुत सारे लोग काम कर रहे थे और उन्होंने सख्त हिदायत दी थी कि उसे मत लो।’