फिल्म इंडस्ट्री को लेकर श्रेयस तलपड़े का बड़ा खुलासा, कहा- 'दोस्तों ने पीठ में घोंपा छुरा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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फिल्म इंडस्ट्री को लेकर श्रेयस तलपड़े का बड़ा खुलासा, कहा- ‘दोस्तों ने पीठ में घोंपा छुरा

श्रेयस तलपड़े: हर बार जब मैं उदास महसूस करता हूं, तो मैं खुद को याद दिलाता हूं कि मैं ही वह व्यक्ति था जिसने ‘इकबाल’ की थी

बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े फिलहाल बड़े पर्दे से दूर हैं। उन्होंने अब अपने करियर के बुरे अनुभवों को साझा किया है। साथ ही श्रेयस तलपड़े ने फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को लेकर भी बड़ी बात बोली है। श्रेयस तलपड़े ने हाल ही में इंटरव्यू दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के अलावा फिल्मी करियर को लेकर लंबी बात की। ‘इकबाल’ को छोड़कर श्रेयस तलपड़े की बहुत कम सोलो फिल्में रही हैं जो बॉक्स ऑफिस पर कमाल दिखा पाई हैं। ऐसे में उन्होंने अपने करियर में सोलो फिल्मों को लेकर कहा है कि उनके अंदर खुद की मार्केटिंग करने की क्षमता की कमी रही है।
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श्रेयस तलपड़े ने कहा, ‘अगर एक सोलो फिल्म काम नहीं करती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि अन्य फिल्में भी नहीं करेंगी। मेरी कई सोलो फिल्मों ने भी काम किया है। मुझे लगता है कि मेरे पास केवल एक चीज की कमी थी, वह थी खुद की मार्केटिंग करने की क्षमता। मैं उस विचारधारा से ताल्लुक रखता हूं जो मानता है कि आपके काम से आपको और काम मिलना चाहिए।’
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अभिनेता ने आगे कहा, ‘मुझे पता चला कि कुछ ऐसे अभिनेता हैं जो मेरे साथ स्क्रीन स्पेस शेयर करने को लेकर असुरक्षित महसूस करते हैं और मुझे किसी फिल्म में नहीं लेना चाहते हैं। मैंने दोस्तों के हितों को ध्यान में रखते हुए कुछ फिल्में की हैं लेकिन फिर उन्हीं दोस्तों ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा है। मेरे कुछ ऐसे भी दोस्त रहे जो मुझे अपने साथ लिए बिना आगे बढ़ गए और फिल्में बनाते हैं। दरअसल, इंडस्ट्री में 90 फीसदी लोग सिर्फ आपके परिचित होते हैं, सिर्फ 10 फीसदी ही ऐसे होते हैं जो आपके अच्छा करने पर सच में खुशी महसूस करते हैं। अहंकार यहां बहुत नाजुक हैं!’
श्रेयस तलपड़े ने आगे कहा, ‘अमिताभ बच्चन जैसे व्यक्ति को भी बुरे दौर से गुजरना पड़ा, तो हम कौन हैं? वह नीचे गिरे और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए वापस उछले। ऐसा मेरे साथ भी हो रहा है। हर बार जब मैं डिप्रेस महसूस करता हूं, तो मैं खुद को याद दिलाता हूं कि मैं वह व्यक्ति हूं जिसने ‘इकबाल’ की थी। मैं आज जहां हूं उससे खुश हूं लेकिन मेरा काम नहीं हुआ है। मैं अभी भी अच्छी भूमिकाओं के लिए भूखा हूं। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हर अभिनेता इस पैच से गुजरता है क्योंकि यह आपको समय के साथ मजबूत होने और चीजों को अधिक महत्व देने में मदद करता है। मैं अभिनय करते हुए मरना चाहता हूं…सेट पर, या मंच पर प्रदर्शन करते हुए।’

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