बॉलीवुड के सुपरस्टार आमिर खान की सुपरहिट फिल्म 3 इडियट्स हम सब ने दिखी हुई है। इस फिल्म में आमिर खान का किरदार और अदाकारी दोनों ही दर्शकों ने पसंद किया था। इस फिल्म को बनाने की प्रेरणा विधु विनोद चोपड़ा को उसी किरदार से मिली थी। सोनम वांगचुक से यह फिल्म बनाने की प्रेरणा विधु विनोद को मिली।
पिछले कुछ दिनों से भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है अब उसी मामले में सोनम वांगचुक ने अपने विचार पेश किये हैं। हाल ही में यूट्यूब पर वांगचुक ने एक वीडियो इसके लिए पोस्ट किया है और उसमें उन्होंने बताया है कि कैसे भारत चीन को सबक सिखा सकता है। उन्होंने दो तरीके बताये हैं पहला है सेना तैनात कर दी जाए या फिर दूसरा तरीका है की चीनी सामान का बहिष्कार भारत के लोग कर दें।
भारत-चीन सीमा पर हैं आमने सामने
जिन लोगों को सेना पर इस बढ़ते तनाव के बारे में नहीं पता है उनके लिए बता दें कि जहां कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया जंग लड़ रही है वहीं भारत और चीन की सेना एक दूसरे आमने सामने सीमा पर खड़ी हुईं हैं। भारत में और अंदर लगातार चीन घुसने की फिराक में है। सीमा पर अपनी-अपनी सेनाओं को दोनों ने तैनात किया हुआ है।
चीन को वॉलेट से अब जवाब देने की बारी
इस वीडियो में वांगचुक ने यह भी पूछा कि लगातार चीन घुसपैठ की साजिशें 1962 से रचता रहा है। इस मामले में वांगचुक का कहना है कि सेना बुलेट की ताकत तो चीन को हराने के लिए दिखाएगी साथ ही वॉलेट की ताकत अब देशवासियों को दिखानी चाहिए।
इस वीडियो में आप वांगचुक कहते हुए सुन सकते हैं कि चीनी सामान हमें खरीदने बंद करने चाहिए, जिसकी मदद से भरी रकम चीन को मिलती चीन हथियारों में उससे निवेश करता है। सोशल मीडिया पर वांगचुक का यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है और #BoycottMadeinChina ट्रेंड भी ट्विटर पर करना शुरू चुका है।
दुनिया में तिब्बतियों और उइगर मुस्लिमों के नाम पर छाई हुई है चुप्पी
वांगचुक ने कहा कि दुनिया चुप रही जब तिब्बत में लाखों लोगों की मौत हो गई, छह हजार मंदिर तोड़ दिए गए। उन्होंने उन देशों से सवाल पूछे जो मुस्लिमों के हितों के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। उन्होंने कहा कि 10 लाख उइगर मुस्लिमों को जेल में बंद कर दिया गया। मस्जिदें तोड़ दी गई पर कोई कुछ नहीं बोला।
उन्होंने कहा कि इसी आर्थिक गुलामी के कारण पाकिस्तान अब चीन का उपनिवेश बनकर रह गया है। धीरे-धीरे चीन उसके संसाधनों पर कब्जा जमा रहा है। श्रीलंका भी आज यही स्थिति झेल रहा है। हम उनसे व्यापार की बात कैसे कर सकते हैं।