दिवंगत गुलशन कुमार के
बेटे और म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बीते साल ही
रेप केस में टीसीरीज के मालिक का नाम उछला था। जुलाई 2021 को एक 30 वर्षीय महिला ने
भूषण कुमार के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए थे। भूषण पर लगे रेप के आरोपों की जांच कर
रही मुंबई पुलिस इस हाईप्रोफाइल केस को रफा-दफा करने की कोशिश में थी।
पुलिस ने अपनी तरफ से एक
क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट
ने मुंबई पुलिस को जांच के दौरान विभिन्न कानून पहलुओं के साथ समझौता करने को लेकर
जमकर फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने पुलिस को कानून के मुताबिक काम करने और जांच की
निगरानी के लिए जोनल डीसीपी को निर्देश दिए।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट
आरआर खान ने इस महीने की शुरुआत में सारांश रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। बता दें
कि पुलिस ने इस मामले में बी समरी रिपोर्ट फाइल की थी। ‘बी समरी’ रिपोर्ट तब दायर
की जाती है जब पुलिस मामले को गलत मानती है या जब कोई सबूत नहीं होता है या जांच
के बाद आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है।
बी समरी नोटिस मिलने के
बाद शिकायत करने वाली महिला ने कोर्ट के सामने एक हलफनामा दायर किया था, जिसमें उन्होंने
कहा कि वो एक एक्ट्रेस हैं और उन्होंने “गलतफहमी” के कारण भूषण कुमार के
खिलाफ आरोप लगाए थे और अब वो उन्हें वापस ले रही हैं। साथ ही उन्होंने बी समरी रिपोर्ट
पर भी कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
शिकायतकर्ता महिला के
अंतिम रिपोर्ट (बी-समरी) का समर्थन करने पर कोर्ट ने कहा कि जो कानून लोगों के हित
में बनाए गए हैं, कुछ लोग उसका इस्तेमाल गलत तरीके से अपने निजी
फायदे के लिए भी करते हैं। शिकायतकर्ता महिला ने कानून के प्रावधानों का दुरुपयोग
किया है जो जरूरतमंदों के लिए है।
इतना ही नहीं कोर्ट ने
भूषण कुमार और उनके एक गवाह को भी फटकार लगाई है। दोनों ने ही इस मामले में
हस्तक्षेप करने के लिए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट के मुताबिक इस तरह की याचिका
दाखिल करके दोनों ने सीमा पार कर दी है। मजिस्ट्रेट ने आगे कहा कि इन प्रयासों से
पता चलता है कि भूषण कुमार इस मामले से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहते थे।