मुंबई : न्यूटन ईरानी फिल्म सीक्रेट बैलेट से प्रेरित होने के आरोपों का सामना कर रही है लेकिन 2001 में आई ईरानी फिल्म के निर्देशक बबक पयामी ने इस बात की पुष्टि की है कि अमित मासुरकर द्वारा निर्देशित फिल्म में नकल के कोई संकेत नहीं है। पयामी ने सिनेस्तान को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने न्यूटन देखी है और उसमें शैली या संरचना संबंधी कोई विशिष्ट समानताएं नहीं पायीं। न्यूटन को हाल में ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रवृष्टि चुना गया। ईरानी निर्देशक ने कहा, मैंने फिल्म देखी है और इसमें नकल के कोई संकेत नहीं हैं।
ये पूरी तरह से अलग अलग फिल्में हैं। दोनों के बीच समानताएं हैं तो वह व्यापक रूप में हैं और मुझे नहीं लगता कि दोनों फिल्मों में शैली या संरचना संबंधी कोई समानता है। दोनों एक आम विषय पर बनी दो अलग अलग फिल्में हैं। इससे पहले सीक्रेट बैलेट से समानता की खबरों के बीच, मशहूर निर्देशक-निर्माता अनुराग कश्यप ने फिल्म की टीम का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने एक भारतीय पत्रकार द्वारा लिए गए पयामी के साक्षात्कार का फेसबुक पर स्क्रीन शॉट साझा किया है जिसमें पयामी ने कहा कि ऑस्कर में न्यूटन का चयन होने से वह खुश हैं और अगर दोनों फिल्मों में विषयगत समानताएं हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। ईरानी निर्देशक को सच्चा कलाकार बताते हुए कश्यप ने पोस्ट के साथ लिखा कि उन्हें उम्मीद है कि पयामी का जवाब विवाद पैदा करने वालों को शर्मिंदा करेगा।
उन्होंने कहा कि सीक्रेट बैलेट के फिल्मकार के पास अब फिल्म (न्यूटन) है और वे इसे जल्द देखेंगे। इससे पहले, कश्यप ने ईरानी फिल्म के निर्माता मार्काे मुलर को न्यूटन का लिंक भेजा था। मुलर ने यह फिल्म देखी और कश्यप से कहा कि (अगर आम विषय समान हो तो भी) न्यूटन की निश्चित तौर पर हमारी सीक्रेट बैलेट से कोई समानता नहीं है। कश्यप ने मुलर की प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर साझा की। मुलर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा फिल्म के नकल होने का कोई संकेत तक नहीं है। न्यूटन फिल्म छथीसगढ़ के संघर्ष प्रभावित इलाके में चुनाव कराने के एक सरकारी कर्मी के जद्दोजेहद के इर्द गिर्द घूमती है जबकि सीक्रेट बैलेट एक महिला मतदान अधिकारी के ईरान के एक दूरदराज के इलाके में जाकर लोगों को मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मनाने की कहानी है।