ज्यादातर स्टार पेरेंट्स अपने बच्चों के कैरियर को फिल्मों में लॉन्च करने के लिए पूरी जी-जान लगा देते हैं। वहीं कई स्टार पेरेंट्स ऐसे भी रहे जिन्हें अपने बच्चों में हीरो बनने वाला टैलेंट ही नजर नहीं आया और शायद इसीलिए उन्हें फिल्मों में लॉन्च भी नहीं किया। लेकिन उन स्टार पेरेंट्स के बच्चों ने हिम्मत नहीं हारी और वो कर दिखाया जिसे देख आज उनके पेरेंट्स का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और डायलॉग राइटर कादर खान के बेटे सरफराज खान ऐसे ही स्टार किड्स में से एक हैं। पिता मशहूर एक्टर थे और घर में एक्टिंग का माहौल था।
बचपन में जब वो टीवी देखते उनका मन करता वो भी एक्टिंग करें।उसी माहौल को देखते हुए सरफराज ने भी एक्टर बनने के बारे में सोचा। लेकिन उन्होंने कभी अपने पिता को अपने इस सपने के बारे में नहीं बताया।
सरफराज के पिता यानि कादर खान नहीं चाहते थे कि उनका कोई भी बेटा एक्टर बने। उनका सपना था कि पहले सभी अपनी पढ़ाई पूरी करें। पढ़ाई पूरी करने के बाद जब सरफराज ने अपने पिता को एक्टर बनने के बारे में बताया तो उन्होंने ये कहकर मना कर दिया था कि वो कोई अमिताभ बच्चन नहीं हैं और उन पर पैसे लगाने से पहले वो दो बार सोचेंगे।
पिता की ऐसी बात सुनकर सरफराज को दुख तो हुआ लेकिन उन्होंने अपने दम पर कुछ करने की ठान ली। इसे किस्मत का खेल ही कहा जाएगा कि उन्हें फिल्मों में भी काम मिल गया। वो बात अलग है कि वो फिल्मों में अपनी पहचान नहीं बना पाए।कहने को तो सरफराज ने सलमान खान के साथ फिल्म ‘तेरे नाम’ और ‘वॉन्टेड’ में काम किया।
लेकिन एक हीरो के तौर पर सफलता उनसे कोसों दूर ही रही। इसके अलावा सरफराज का अपना एक थियेटर ग्रुप भी है जो कल के कलाकार इंटरनेशनल थियेटर कंपनी के नाम से है। इसके बैनर तले वो कई प्ले कर चुके हैं। ‘ताश के पत्ते’, ‘लोकल ट्रेन’, ‘बड़ी देर की मेहरबान आते आते’ जैसे कई नाटकों के जरिए सरफराज खान ने थियेटर की दुनिया में अपना नाम कमाया है।
सरफराज अपने पिता कादर खान को कई फिल्मो में असिस्ट भी कर चुके हैं। इसके अलावा वो कई प्रोडक्शन कंपनी भी चला रहे हैं। आज सरफराज फिल्मों के बादशाह भले ही ना हों लेकिन थियेटर और प्रोडक्शन में उनका कोई सानी नहीं। इतना ही नहीं, सरफराज खान होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी कर चुके हैं।
24X7 नई खबरों से अवगत रहने के लिए क्लिक करे