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आज है बॉलीवुड की मां निरुपा रॉय का जन्मदिन, 15 साल की उम्र में बन गयी थी मां

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बॉलीवुड में जब भी मां का जिक्र होता है तो एक ही का नाम सबको यादा आता है और वह है निरुपा रॉया का नाम। बॉॅलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘दीवार’ में एक डायलॉग था। यह डायलॉग अमिताभ बच्चन ने शशि कपूर से पूछा था कि ”मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, तुम्हारे पास क्या है।” तब शशि कपूर ने तपाक से जवाब दिया था कि ”मेरे पास मां है।”

amitabh bachchan and shashi kapoor

उस फिल्म में मां का किरदार निरुपा रॉय ने निभाया था। इस फिल्म की कहानी और दृश्य का दर्शक इतने दिवाने हो गए कि इसके बाद तो निरुपा रॉय ही जगत माता बन गईं। बॉलीवुड में सालों का निर्माताओं को अपनी फिल्म में मां के रोल के लिए किसी की तलाश होती थी तो उनकी वह तलाश निरुपा रॉय पर ही जाकर खत्म होती थी।

nirpua roy

आज बॉॅलीवुड की इस मां यानि निरुपा रॉय का जन्मदिन हैं आज उनके जन्मदिन पर हम उनके बारे में कुछ खास बातें आपके सामने लाएं हैं जो कि बहुत कम लोगों को पता होगी।

nirupa roy

बता दें कि निरुपा रॉय मूल रूप से एक गुजराती परिवार से आती हैं। निरुपा रॉय के बचपन का नाम कोकिला किशोरचंद्र बुलसारा था। निरुपा रॉय जब 15 साल की थीं तब ही उनकी कमल रॉय से शादी हो गई थी।

nirupa roy

निरुपा रॉय के असल जिंदगी में दो बेटे थे योगेश और किरण। निरुपा रॉय का फिल्मी कैरियर उनकी शादी केबाद ही शुरू हुआ था। निरुपा रॉय ने एक गुजराती अखबार में अभिनेत्री बनने का एक विज्ञापन देखा था। निरुपा रॉय ने उसके लिए आवेदन भी किया था।

nirpua roy

निरुपा रॉय को इस फिल्म के लिए चुन लिया गया था। यह फिल्म रणकदेवी थी इस फिल्म से उन्होंने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत की थी। निरुपा रॉय ने इस फिल्म के लिए 150 रुपए प्रति महीना की तनख्वाह ली थी। जब वह फिल्म इंडस्ट्री में आई थी तो उन्होंने अपना नाम बदल दिया था। निरुपा रॉय ने कई गुजराती फिल्मों में काम कर लिया था लेकिन उन्हें हिंदी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ जो साल 1953 में आई थी उस फिल्म ने उन्हें पहचान दिलार्ई थी।

do bigha zamin

इस फिल्म ने उन्हें हीरोइन केरूप में स्थापित किया था। निरुपा रॉय ने 1940 से 50 के दशक तक उन्होंने माइथोलॉजिकल फिल्मों में देवी के किरदार ही निभाए थे। उन्होंने त्रिलोक कपूर, भरत भूषण, बलराज साहनी और अशोक कुमार के साथ कई फिल्मों में काम किया था।

nirpua roy

देवी के किरदार में भी उन्होंने खुद को इस तरह स्थापित कर लिया कि लोग उन्हें देखकर पैर छूले लगते थे। फिर वह एक दौर आया जब निरुपा रॉय सबके लिए मां बन गईं थीं।

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70 के दशक में उनके निभाए हुए मां के रोल इतने फेमस हो गए कि सालों तक बॉलीवुड निर्माताओं को मां के रोल के लिए किसी और का नाम नहीं सूझा। फिल्म ‘दीवार’ में उनके लिए इस्तेमाल किए गए डायलॉग सिनेमा की दुनिया में किवंदता बन गए हैं।

amitabh bachchan, shashi kapoor and nirupa roy

आज भ्ज्ञी लोग कहते दिख जाते हैं- मेरे पास मां है। उनका एक्टिंग कैरियर 50 साल से भी ज्यादा लंबा रहा। कार्डिएक अरेस्ट की वजह से साल 2004 में उनकी मौत हो गर्ई थी।

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