बॉलीवुड में जब भी मां का जिक्र होता है तो एक ही का नाम सबको यादा आता है और वह है निरुपा रॉया का नाम। बॉॅलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘दीवार’ में एक डायलॉग था। यह डायलॉग अमिताभ बच्चन ने शशि कपूर से पूछा था कि ”मेरे पास बंगला है, गाड़ी है, तुम्हारे पास क्या है।” तब शशि कपूर ने तपाक से जवाब दिया था कि ”मेरे पास मां है।”
उस फिल्म में मां का किरदार निरुपा रॉय ने निभाया था। इस फिल्म की कहानी और दृश्य का दर्शक इतने दिवाने हो गए कि इसके बाद तो निरुपा रॉय ही जगत माता बन गईं। बॉलीवुड में सालों का निर्माताओं को अपनी फिल्म में मां के रोल के लिए किसी की तलाश होती थी तो उनकी वह तलाश निरुपा रॉय पर ही जाकर खत्म होती थी।
आज बॉॅलीवुड की इस मां यानि निरुपा रॉय का जन्मदिन हैं आज उनके जन्मदिन पर हम उनके बारे में कुछ खास बातें आपके सामने लाएं हैं जो कि बहुत कम लोगों को पता होगी।
बता दें कि निरुपा रॉय मूल रूप से एक गुजराती परिवार से आती हैं। निरुपा रॉय के बचपन का नाम कोकिला किशोरचंद्र बुलसारा था। निरुपा रॉय जब 15 साल की थीं तब ही उनकी कमल रॉय से शादी हो गई थी।
निरुपा रॉय के असल जिंदगी में दो बेटे थे योगेश और किरण। निरुपा रॉय का फिल्मी कैरियर उनकी शादी केबाद ही शुरू हुआ था। निरुपा रॉय ने एक गुजराती अखबार में अभिनेत्री बनने का एक विज्ञापन देखा था। निरुपा रॉय ने उसके लिए आवेदन भी किया था।
निरुपा रॉय को इस फिल्म के लिए चुन लिया गया था। यह फिल्म रणकदेवी थी इस फिल्म से उन्होंने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत की थी। निरुपा रॉय ने इस फिल्म के लिए 150 रुपए प्रति महीना की तनख्वाह ली थी। जब वह फिल्म इंडस्ट्री में आई थी तो उन्होंने अपना नाम बदल दिया था। निरुपा रॉय ने कई गुजराती फिल्मों में काम कर लिया था लेकिन उन्हें हिंदी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ जो साल 1953 में आई थी उस फिल्म ने उन्हें पहचान दिलार्ई थी।
इस फिल्म ने उन्हें हीरोइन केरूप में स्थापित किया था। निरुपा रॉय ने 1940 से 50 के दशक तक उन्होंने माइथोलॉजिकल फिल्मों में देवी के किरदार ही निभाए थे। उन्होंने त्रिलोक कपूर, भरत भूषण, बलराज साहनी और अशोक कुमार के साथ कई फिल्मों में काम किया था।
देवी के किरदार में भी उन्होंने खुद को इस तरह स्थापित कर लिया कि लोग उन्हें देखकर पैर छूले लगते थे। फिर वह एक दौर आया जब निरुपा रॉय सबके लिए मां बन गईं थीं।
70 के दशक में उनके निभाए हुए मां के रोल इतने फेमस हो गए कि सालों तक बॉलीवुड निर्माताओं को मां के रोल के लिए किसी और का नाम नहीं सूझा। फिल्म ‘दीवार’ में उनके लिए इस्तेमाल किए गए डायलॉग सिनेमा की दुनिया में किवंदता बन गए हैं।
आज भ्ज्ञी लोग कहते दिख जाते हैं- मेरे पास मां है। उनका एक्टिंग कैरियर 50 साल से भी ज्यादा लंबा रहा। कार्डिएक अरेस्ट की वजह से साल 2004 में उनकी मौत हो गर्ई थी।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यह क्लिक करे