लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लाटकर का निधन, 94 वर्ष में ली अंतिम साँस

250 से अधिक हिंदी और 50 से अधिक मराठी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाने वाली और कई शीर्ष सितारों की ‘मां’ रहीं दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना लाटकर का रविवार को यहां निधन हो गया। सुलोचना लाटकर 94 वर्ष की थीं।

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से बुरी खबर सामने आ रही है। 250 से अधिक हिंदी और 50 से अधिक मराठी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाने वाली और कई शीर्ष सितारों की ‘मां’ रहीं दिग्गज एक्ट्रेस सुलोचना लाटकर का रविवार को यहां निधन हो गया। दिग्गज एक्ट्रेस सुलोचना लाटकर का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने शनिवार को आखिरी सांसें ली। हाल में ही उन्हें तबीयत बिगड़ने के बाद दादर के सुश्रुषा अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पद्मश्री से सम्मानित सुलोचना को सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि मराठी सिनेमा में दिए गए योगदान की वजह से भी याद किया जाता रहा है।
खबरों के मुताबिक , एक्ट्रेस की बेटी ने बताया सांस लेने में तकलीफ और उम्र से संबंधित समस्याओं की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार 3 जून को उनकी सेहत बिगड़ने लगी थी। उन्हें वेंटिलेटर पर लगातार ऑक्सीजन दी जा रही थी। लेकिन वे मौत से जंग हार गईं।  खबरों के अनुसार , बताया जा रहा है कि एक्ट्रेस का अंतिम संस्कार कल 5 जून को दादर क्रिमेशन ग्राउंड पर होगा।
सुलोचना फिल्म उद्योग में लोकप्रिय थीं और व्यापक भूमिकाओं के लिए विख्यात थीं। वह सहायक भूमिकाओं से लेकर मातृशक्ति का प्रतीक थीं और छह दशकों से भी अधिक समय तक दर्शकों के बीच लोकप्रिय रहीं।
मुख्य नायिका के रूप में उनके कुछ यादगार शुरुआती मराठी फिल्में थीं : ‘ससुरवास’, ‘वाहिनीच्या बंगद्य’, ‘मीत भाकर’, ‘संगत्ये आइका’, ‘शक्ति जौ’ और कई अन्य।
30 जुलाई, 1928 को बेलगावी (अब कर्नाटक में) के खडाकलत गांव में जन्मीं सुलोचना ने 1946 में अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की।
उनकी शीर्ष बॉलीवुड फिल्मों में बिमल रॉय की क्लासिक ‘बंदिनी’ (1963) थी, जिसे आज भी याद किया जाता है।
जिन अन्य हिंदी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया उनमें ‘जब प्यार किसी से होता है’, ‘दुनिया’, ‘अमीर गरीब’, ‘बहारों के सपने’, ‘कटी पतंग’, ‘मेरे जीवन साथी’, ‘प्यार मोहब्बत’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘वारंट’, ‘जोशीला’, ‘डोली’, ‘प्रेम नगर’, ‘आक्रमण’, ‘भोला भला’, ‘त्याग’, ‘आशिक हूं बहारों का’, ‘अधिकार’, ‘नई रोशनी’, ‘आए दिन बहार के’, ‘आई मिलन की बेला’, ‘अब दिल्ली दूर नहीं’, ‘मजबूर’, ‘गोरा और कला’, ‘देवर’, ‘कहानी किस्मत की’, ‘तलाश’ और ‘आजाद’ शामिल हैं।
इन वर्षो में उन्होंने धर्मेद्र, राजेश खन्ना, ऋषि कपूर, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, राजेंद्र कुमार, संजीव कुमार, नूतन, आशा पारेख, वहीदा रहमान, जीनत अमान, तनुजा, आदि सहित कई सितारों की मां की भूमिका निभाई।
सुलोचना को 1999 में पद्मश्री और 2004 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सर्वोच्च सम्मान ‘महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार’ से सम्मानित किया।
बता दे कि ,वृद्धावस्था संबंधी दिक्कतों और सांस लेने में तकलीफ के चलते प्रभादेवी निवासी एक परिचित महिला ने वरिष्ठ अभिनेत्री को अस्पताल में भर्ती कराया था और उनकी देखभाल कर रही थीं, जहां रविवार की शाम उन्होंने शांतिपूर्वक अंतिम सांस ली।
सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना-यूबीटी नेताओं और अन्य हस्तियों सहित शीर्ष नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है।
प्रमुख बॉलीवुड और मराठी फिल्म हस्तियों ने भी सोशल मीडिया का सहारा लिया और सुलोचना के निधन पर शोक व्यक्त किया और फिल्म उद्योग में उनके अपार योगदान को याद किया।
सुलोचना के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि सोमवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seventeen + sixteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।