साउथ की फेमस
एक्ट्रेस साई पल्लवी बीते कुछ समय से
अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिरी हुई हैं। अभिनेत्री ने हाल ही में कश्मीरी
पंडितों के नरसंहार और गाय की लिंचिंग पर विवादित बयान दिया था। वहीं, अब साई ने अपने बयान पर सफाई दी है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो
रहा है
दरअसल, साई पल्लवी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर खुद का एक वीडियो पोस्ट किया
है। इस क्लिप में एक्ट्रेस अपने पुराने बयान को
दोहराती नजर आ रही हैं, साथ ही अब उन्होंने ये साफ करने की कोशिश की है
कि उनका ये कहने का मकसद सिर्फ इतना था कि किसी भी तरह की हिंसा गलत है। अपने इस
रही हैं, जहां उन्हें ये सिखाया गया है कि हर जान कीमती होती है।
साई ने कहा, ‘मैं यहां आप सभी से कुछ क्लैरिफाई करने के लिए जुड़ी हूं। मेरे
ख्याल से यह पहली बार होगा जब मैं अपने दिल से कुछ भी बोलने से पहले दो बार सोचूंगी।
क्योंकि मैं इस बात से चिंतित हूं कि मेरे शब्दों को गलत तरह से पेश किया गया है।
मुझे माफ कर दीजिए अगर मैंने अपने विचारों को रखने में जरूरत से ज्यादा का समय
लिया है तो’।
‘हाल के इंटरव्यू में मुझसे पूछा गया था कि मैं लेफ्ट विंग को सपोर्ट करती हूं
या फिर राइट विंग को। तो मैंने वहां यही कहा था कि मैं न्यूट्रल हूं। और हमें पहले
एक अच्छा इंसान बनना चाहिए। और उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों को हर हाल में
प्रोटेक्ट करने की आवश्यकता है’।
उन्होंने वीडियो में आगे कहा, ‘जब मैंने ‘द कश्मीर फाइल्स‘ फिल्म देखी तो मुझे उसके डायरेक्टर से बात करने का मौका मिला। मैं तो ये
नरसंहार देखकर काफी परेशान हो गई थी और मैं इससे लोगों की पीढ़ियों के प्रभावित
होने जैसी त्रासदी को कभी कमतर नहीं मानूंगी’।
‘यह कहने के बाद मैं कोरोना काल में हुई लिंचिंग का तो जिक्र नहीं कर सकती।
मुझे याद है कि उन वीडियोज को देखने के बाद मैं कई दिनों तक सिहर उठी थी। मेरा
मानना है कि हिंसा किसी भी रूप में गलत है और किसी भी धर्म के नाम पर हिंसा बहुत
बड़ा पाप है’।
बता दें कि हाल ही में साई ने अपनी फिल्म विराट पर्वम के प्रमोशन के दौरान
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स‘ में दिखाए गए अत्याचार की
तुलना मॉब लिंचिंग से की थी। इसी को लेकर खूब बवाल मचा साथ ही उनके खिलाफ केस तक
दर्ज हो गया। सभी ने एक्ट्रेस के इस बयान का जमकर विरोध किया था।
फिल्म की बात करें तो साई पल्लवी और राणा दग्गुबाती स्टारर विराट पर्वम
1990 के दशक के दौरान
तेलंगाना में हुए नक्सल आंदोलन की पृष्ठभूमि पर आधारित एक प्रेम कहानी है। फिल्म में बाहुबली में भल्लालदेव का किरदार निभाने वाले एक्टर नक्सल लीडर बने
हैं जिससे गांव की एक लड़की को प्यार हो जाता है।