आज आलिया भट्ट किसी भी
पहचान की मोहताज नहीं हैं। फिल्म निर्देशक महेश भट्ट और एक्ट्रेस सोनी राजदान की
बेटी आलिया आज इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनी ली हैं। आलिया ने साल 2012 में
फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से बॉलीवुड में डेब्यू की थी। इस फिल्म से आलिया को पहचान
जरुर मिली लेकिन लोगों का ध्यान अपनी तरफ खिचनें में आलिया कामयाब नहीं हो सकी।
फिर आयी आलिया की दुसरी फिल्म ‘हाईवे’। फिल्म में आलिया के साथ एक्टिंग के बादशाह
रणदीप हुड्डा नजर आए। बावजूद इसके आलिया लोगों का ध्यान अपनी तरफ खिंचने में
कामयाब हुई।
‘स्टूडेंट ऑफद ईयर’ से ‘ब्रह्मास्त्र’ तक का सफर
‘हाईवे’ के बाद आलिया ने पीछे
मुड़कर कभी नहीं देखा। अपनी फिल्मों के जरिए आलिया लोगों के दिलों में जगह बनाती
चली गई। आलिया एक वर्सेटाइल एक्ट्रेस है अपनी फिल्मों के जरिए उन्होंने समय-समय पर
इस बात को साबित किया है। ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ की शनाया से हो या फिर ‘उड़ता पंजाब’ में एक गरीब बिहारी लड़की का किरदार। आलिया ने सभी किरदारों के साथ न्याय करते हुए
लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ी। अब ‘ब्रह्मास्त्र’ फिल्म की बात करें आलिया ईशा
की किरदार में नजर आने वाली हैं। फिल्म के प्रमोशन में आलिया लगातार लगी हुई है।
प्रेग्नेंट होते हुए भी आलिया फिल्म की हर छोटे से बड़े इवेंट में नजर आ रही हैं।
आलिया भट्ट का जर्मनी
कनेक्शन
फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ को सोशल
मीडिया पर बायकॉट करने की मांग की जा रही है। बायकॉट की मांग करने वाले अपने हिसाब
से तरह-तरह की वजह बता रहे हैं। इन्हीं वजहों में शामिल है आलिया का जर्मनी
कनेक्शन। बहुत कम लोगों को पता होगा कि आलिया की मां सोनी राजदान आधी कश्मीरी और
आधी जर्मन हैं। वैसे आलिया भट्ट का नाता गुजरात से भी है। महेश भट्ट का परिवार गुजरात से आता है।
आलिया की माँ
सोनी राजदान की माँ गर्ट्रूड होल्ज़र एक जर्मन हैं, जिन्होंने सोनी के पिता
से शादी की, जो नरेंद्र नाथ राजदान नाम के कश्मीरी पंडित
कबीले से थे। दोनों को तब प्यार हो गया जब आलिया के नाना लंदन में आर्किटेक्चर की
पढ़ाई कर रहे थे। इसके बाद उनकी प्रेम कहानी खिली और सोनी राजदान का जन्म यूनाइटेड
किंगडम के बर्मिंघम में हुआ। बाद में सोनी राजदान भारत आ गई और महेश भट्ट के साथ
घर बसा लिया। इस तरह आलिया भट्ट एक ब्रिटिश नागरिक हैं।
वहीं, जब आलिया की
फ़िल्में बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में चुनी गईं तो इसलिए उनके लिए ये मौका बहुत ही
खास रहा। इस दौरन उनके पिता महेश भट्ट ने एक इमोशनल नोट लिखते हुए कहा कि, “पेड़ की शाखाओं की तरह ही हम इंसान भी अलग-अलग दिशाओं में
बढ़ते हैं। फिर भी जड़ें वही रहती हैं। आलिया तुम्हारी फ़िल्में ‘हाइवे‘ और ‘गली बॉय‘ बर्लिन फ़िल्म फ़ेस्टिवल में गईं। वही जर्मनी जहाँ तुम्हारी नानी का जन्म हुआ
था। फ़िल्म ‘हाइवे‘ में जो विद्रोही तेवर
आलिया ने दिखाए, वो तेवर तो दरअसल आलिया को अपने परनाना से
विरासत में मिले हैं। आलिया ने परनाना ने नाज़ियों से टक्कर ली थी और उन्हें इसकी
बहुत बड़ी क़ीमत भी उन्हें चुकानी पड़ी थी। वो हिटलर के ख़िलाफ़ अंडरग्राउंड
अख़बार चलाते थे, पकड़े जाने पर उन्हें दो साल के लिए जेल में
डाल दिया गया था।”
सोशल मीडिया पर
फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ को बायकॉट करने की मांग की एक वजह आलिया की ब्रिटिश नागरिकता होना
भी है। बता दें कि ‘ब्रह्मास्त्र’ 9 सिंतबर को बड़े पर्दे पर रिलीज हो रही है। बायकॉट
ट्रेंड के बीच फिल्म की एडवांस बुकिंग हो रही है। ‘केजीएफ2’ के बाद किसी फिल्म की
एडवांस बुकिंग फुल है।