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जब ‘हमें एक्स्ट्रा लाइट्स डालनी पड़ेगी’ कहकर मेकर्स नवाजुद्दीन सिद्दीकी को करते थे टीवी शो से रिजेक्ट

नवाजुद्दीन ने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया और खुलासा किया कि कैसे उन्हें बताया गया कि वह एक्टर नहीं बन सकते।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज जिस मुकाम पर वहां तक पहुचना उनके लिए बिल्कूल भी आसान नहीं रहा। उन्हें दर- दर की ठोकरे खाई, खाली पेट सोए और यहाँ तक की लोगो के ताने भी सुने। ऐसे में एक बार फिर उन्होंने अपने स्ट्रगलिंग डेज को याद किया है। एक्टर ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अपने साथ हुई ऐसी बातो का ज़िक्र किया जो किसी ने कभी सोची भी नहीं होंगी।   
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नवाजुद्दीन सिद्दीकी का का मानना है कि आज एक एक्टर बनना आसान है। उन्होंने कहा कि 2000 में जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की तो एक अपकमिंग एक्टर के लिए कम मौके थे। हमने थोड़ा और संघर्ष किया क्योंकि तब बहुत ज़्यादा ऑपर्टूनिटीज़ नहीं थी। 2000 में जब मैं एक्टर बना तो बहुत कम सीरियल थे। आज हर एक्टर बिजी है। वेब सीरीज़, फ़िल्में, टीवी शो और रियलिटी शो हैं। इसलिए लगभग सभी बिजी हैं। यह हमारे लिए थोड़ा और मुश्किल था। 
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नवाजुद्दीन ने अपने संघर्ष के दिनों को भी याद किया और खुलासा किया कि कैसे उन्हें बताया गया कि वह एक्टर नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि रीयलिस्टिक फिल्मों की वृद्धि के साथ ही उनके जैसे लोगों को एक्सेप्टेन्स मिली। मैं जहां भी जाता था, वे मुझसे कहते थे कि मैं एक एक्टर की तरह नहीं दिखता और इसलिए मुझे कोई और काम ढूंढना चाहिए। ‘एक्टर ऐसे नहीं होते, आप एक्टर नहीं हैं। आप समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं’, यह मुझे ऑफिस से ऑफिस सुनना पड़ा। 
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लेकिन आखिरकार मुझे 9-10 साल लग गए। ऐसे निर्देशक आए जो रीयलिस्टिक फिल्में बना रहे थे। हम उनके साथ उभरे। वे फिल्में यहां कभी काम नहीं करती थीं, लेकिन उन्हें फिल्म फेस्टिवल्स में सराहना मिलती थी। साथ ही नवाज ने उन कुछ कठोर टिप्पणियों के बारे में भी बात की जो उन्हें अपने शुरुआती संघर्ष के दिनों में सुनने को मिली थीं। एक घटना को याद करते हुए नवाज ने बताया की जब मैं टीवी शोज में काम मांगता था तो वे मुझसे कहते थे ‘हम आपको कास्ट नहीं कर सकते क्योंकि इसमें ज्यादा वक्त लगेगा। आप लोग दीखते नहीं हो, आप अलग हैं। हमें एक्स्ट्रा लाइट्स डालनी पड़ेगी, जबकि हमें हर दिन एक एपिसोड भेजना होगा। अगर हमने आपको कास्ट किया तो 1.5 दिन लगेंगे, हमें नुकसान होगा। बेहतर है कि आप कुछ और ढूंढ लें। 
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फिर मैंने फिल्मों में काम ढूंढने का फैसला किया। मुझे वहां मुश्किल से कोई सीन मिल रहा था या शायद 40 सेकेंड का सीन या एक या दो मिनट का सीन। 5-6 साल तक ऐसा ही चला। फिर मुझे दो सीन मिलने लगे। यह अगले पांच साल तक इसी तरह चलता रहा। 

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