Aparshakti Khurana ने अपनी दमदार एक्टिंग से आज बॉलीवुड में अपनी खास पहचान बना ली है. फिलहाल एक्टर अपनी लेटस्ट रिलीज 'स्त्री 2' की बंपर सक्सेस एंजॉय कर रहे हैं. वहीं अपारशक्ति की सस्पेंस थ्रिलर बर्लिन भी हाल ही में रिलीज हुई है जिसे काफी पसंद किया जा रहा है. ज्यादातर फिल्मों में अपनी शानदाक कॉमिक टाइमिंग के लिए जाने जाने वाले अपराशक्ति की अपने भाई आयुष्मान खुराना के साथ भी एक शानदार केमिस्ट्री है. दोनों ही भाई इंडस्ट्री के जाने-पहचाने चेहरे बन चुके हैं.वहीं एक लेटेस्ट इंटरव्यू में अपारशक्ति खुराना ने खुलासा किया कि उन्होंने एक बार आयुष्मान के साथ लड़ाई की थी और फिर उनकी खूब पीटाई हुई थी इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि कैसे उनकी आयुष्मान के पैर छूने की परंपरा शुरू हुई.
अपारशक्ति खुराना, की ब्लॉकबस्टर फिल्म स्त्री 2 सिनेमाघरों में एक महीने बाद भी बवाल काट रही है. वहीं हाल ही में डिजिटल कमेंट्री के साथ बातचीत में अपारशक्ति खुराना ने अपने बडे भाई आय़ुष्मान खुराना संग बचपन में हुई अपनी लड़ाई के बारे में बात की. एक्टर ने बताया कि जब वह सिर्फ 8-9 साल के थे, तो उन्हें पता नहीं था कि उन्हें बड़े भाई का सम्मान कैसे करना है या उन्हें क्या कहना है. इसके बाद अपारशक्ति को याद आया कि कैसे एक बार उनकी अपने भाई से लड़ाई हो गई थी, जिससे उनके प्रति उनका नजरिया बदल गया था.
अपारशक्ति ने कहा था, "फिर एक दिन, जब हम खेल रहे थे, हमारा झगड़ा हो गया और मैंने उसे 'साला' या 'कमीना' या कुछ और कहा और उस दिन मेरी बहुत पिटाई हुई. उसके बाद निष्कर्ष यह निकला कि आज से तुम उन्हें 'भैया' कहोगे और रोज सुबह उनके पैर छुओगे और यही एकमात्र तरीका है जिससे तुम इस घर में रह सकते हो, या घर में नहीं रह सकते.
जब अपारशक्ति से उनके भाई के साथ रिश्ते के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि लड़ाई और नए नियम के बाद, लड़ने की गुंजाइश कम हो गई और इस तरह उनका "पुराना स्कूल राम-लक्ष्मण" बॉन्ड शुरू हो गया. उन्होंने छोटे शहर में हुई अपनी परवरिश का शुक्रिया अदा किया, जिसकी वजह से उनके और आयुष्मान के बीच का रिश्ता आज भी बरकरार है.
अपार ने कहा, "मुझे लगता है कि एक बार जब आप ऐसा करना शुरू कर देते हैं, तो लड़ने या संघर्ष करने की गुंजाइश कम हो जाती है क्योंकि तब आप उन पर चिल्ला नहीं सकते हैं, और आप कोई बुरी बात नहीं कहेंगे और अगर आप कुछ भी बुरा नहीं कहते हैं तो झगड़े की कोई गुंजाइश नहीं है, इसलिए यह बहुत पुराने स्कूल का राम-लक्ष्मण जैसा रिश्ता है. हमारी परवरिश बहुत मीडिल क्लास और छोटे शहर में हुई है और शायद इसीलिए हमारे बीच चीजें अभी भी अच्छी हैं.