ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार का निधन हो गया है। उन्होंने 98 साल की उम्र में मुंबई के अस्पताल में आखिरी सांस ली। एक फल व्यापारी से अभिनेता बने दिलीप कुमार का फिल्मी करियर जितना सफल रहा, निजी जीवन में उन्हें उतनी ही परेशानियां झेलनी पड़ी।
फिल्मों में तो दिलीप कुमार के साथ ट्रेजेडी होती ही रहती थी, लेकिन असल जिंदगी में उनके साथ ट्रेजेडी तब हुई, जब उनके दिल ने उन्हें दगा दे दी। दिलीप कुमार और मधुबाला की मोहब्बत की शुरुआत तो एक गुलाब के फूल से हुई थी, लेकिन इस मुहब्बत के फूल में इन दोनों के लिए ढेर सारे कांटे थे। साल 1951 में दिलीप कुमार और मधुबाला ने फिल्म तराना में एक साथ काम किया।
उस वक्त दिलीप कुमार को ये खबर नहीं थी कि मधुबाला दिल ही दिल में दिलीप कुमार से प्यार करने लगी। फिल्म तराना की शूटिंग के दौरान मधुबाला ने अपनी करीबी मेकअप आर्टिस्ट के हाथों दिलीप कुमार को एक ख़त भेजा। ख़त के साथ एक लाल गुलाब भी था। उर्दू में लिखे हुए इस ख़त में मधुबाला ने लिखा था, “अगर आप मुझे चाहते हैं तो ये गुलाब क़बूल फरमाइए। वरना इसे वापस कर दीजिए”।
मधुबाला की मोहब्बत की इस निशानी को दिलीप कुमार ने खुशी खुशी क़बूल कर लिया और फिर फिल्म तराना के सेट्स पर दिलीप कुमार और मधुबाला की असली लव स्टोरी भी परवान चढ़ने लगी। मधुबाला की कमाई से ही उनके पूरे घर का खर्च चलता था, इसीलिए उनके पिता नहीं चाहते थे कि मधुबाला किसी भी अफेयर में पड़ें। लेकिन एक दूसरे के इश्क़ में गिरफ्तार दिलीप कुमार और मधुबाला मिलने का कोई ना कोई तरीका ढूंढ ही लेते थे।
मुगल-ए-आजम की शूटिंग के दौरान जब दिलीप कुमार की शूटिंग नहीं भी होती थी,, उन दिनों में भी वो मधुबाला से मिलने फिल्म के सेट पर आ जाया करते थे और चुपचाप खड़े होकर मधुबाला को शूटिंग करते हुए देखते थे। ज़ुबान जरूर खामोश रहती थी, लेकिन सारी बातें आंखों ही आंखों में हो जाया करती थीं।
मुगल-ए-आज़म. वो फिल्म जो सिनेमा के इतिहास में सबसे ऊंचे पायदान पर है। ये फिल्म दिलीप कुमार और मधुबाला की असली लव स्टोरी और इस लव स्टोरी में आए आंधी और तूफान के गवाह रही है। मुगल-ए-आज़म को बनने में तकरीबन 10 साल का लंबा वक्त लगा और इसी फिल्म के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी शुरू भी हुई, परवान भी चढ़ी और शूटिंग खत्म होते होते ये कहानी भी खत्म हो गई।
दिलीप कुमार को जब यह पता चला कि मधुबाला के पिता उनकी शादी एक बिजनेसमैन से करना चाहते हैं तो वो काफी नाराज हुए और दोनों के बीच बात होनी बंद हो गई। इसके बाद फिल्म का सबसे लोकप्रिय सीन भी तभी शूट हुआ था, जब दोनों आपस में बात नहीं कर रहे थे। इस बारे में दिलीप कुमार बताते थे की “मुगल ए आजम की आधी शूटिंग के दौरान हम दोनों आपस में बात नहीं कर रहे थे। फिल्म का वह सीन जिसमें एक पंख हमारे होठों के बीच आ जाता है। उसकी शूटिंग के दौरान हम दोनों ने बात करनी बिल्कुल बंद कर दी थी। जबकि यही दृश्य फिल्म का सबसे लोकप्रिय दृश्य था।”
मधुबाला के दिल में छेद था और इसकी वजह से उन्होंने 36 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया था। जिस वक्त मधुबाला की मौत हुई उस वक्त दिलीप कुमार मद्रास में फिल्म गोपी की शूटिंग कर रहे थे। शाम को जब तक वो वापस बंबई पहुंचे, तब तक मधुबाला को सुपुर्दे खाक किया जा चुका था। वो उनकी आखिरी झलक नहीं देख सके। वो सीधे कब्रिस्तान गए और बहुत देर तक मधुबाला की कब्र के पास खड़े रहे। उन्होंने 27 साल की उम्र में किशोर कुमार से शादी की थी। जबकि दिलीप कुमार ने 98 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली।