आयकर विभाग केयर्न एनर्जी से पिछली तिथि से लागू कानून संशोधन के तहत निकाली गयी कर मांग की वसूली के लिए उससे जब्त शेयर को की बिक्री नहीं करेगा। विभाग को डर है कि इस मामले में यदि अंतरराष्ट्रीय पंच अदालत का निर्णय विपरीत हुआ तो इन शेयरों को पुन: वापस करना कठिन होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। विभाग ने कंपनी पर 10,247 करोड़ रुपए की रिकवरी की निकाल रखी है।
केयर्न इंडिया की वेदांता लिमिटेड में 4.95 प्रतिशत हिस्सेदारी बची हुई है।
इसे आयकर विभाग ने जनवरी 2014 में कुर्क कर लिया। यह मामला ब्रिटेन की इस फर्म द्वारा अपने भारतीय कारोबार के आंतरिक पुनर्गठन (केयर्न इंडिया के गठन ) से संबंधित है। इसमें हुए पूंजीगत लाभ को आधार बना कर 10,247 करोड़ रुपये कर की मांग की गई थी। एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण सरकार के खिलाफ केयर्न के दावे की सुनवाई कर रहा है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, मुझे नहीं लगता है कि शेयरों को निकट भविष्य में बेचा जाएगा। दरअसल वास्तविक चिंता यह है कि अगर कर विभाग शेयरों को बेचता है और मध्यस्थता न्यायाधिकरण का फैसला कर लेवी के खिलाफ आता है तो फिर से शेयरों की भरपाई कैसे कर सकता है। मध्यस्थता मामले में अंतिम सुनवाई अगले साल अगस्त में होगी।