नई दिल्ली : आम बजट में धनाढ्यों पर व्यक्तिगत आयकर और पेट्रोल-डीजल पर शुल्क बढ़ाने से चालू वित्त वर्ष में सरकार को वार्षिक 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। राजस्व सचिव अजय भूषण पांड ने कहा कि सरकार को पेट्रोल-डीजल पर शुल्क एवं उपकर बढ़ाने, सोने एवं अन्य धातुओं पर आयात शुल्क में वृद्धि और धनाढ्यों के आयकर पर अधिभार बढ़ाने से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। लेकिन कारपोरेट कर की 25 प्रतिशत वाली निम्नदर का लाभ 400 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों तक बढ़ाने से राजस्व में नुकसान भी होगा।
अभी यह दर 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले उपक्रमों पर लागू होती थी। इससे करीब 99.3 प्रतिशत भारतीय कंपनियां 25 प्रतिशत कर के दायरे में आ जाएंगी। लेकिन इससे सरकार को 4,000 करोड़ रुपये के वार्षिक राजस्व का त्याग करना होगा। पेट्रोल-डीजल पर शुल्क और उपकर बढ़ाने से चालू वित्त वर्ष के बाकी नौ महीनों में 22,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इसी तरह धनाढ्यों पर आयकर अधिभार की दरों में वृद्धि से 12-13 हजार करोड़ रुपये की वसूली हो सकती है।
बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो से पांच करोड़ रुपये सालाना की कर योग्य आय पर कर-अधिभार की दर 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी है। जबकि पांच करोड़ रुपये से अधिक की व्यक्तिगत आय पर कर-अधिभार 37 प्रतिशत किया गया है। सोने एवं महंगी धातुओं पर पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने के कदम से खजाने को 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व का फायदा होगा। लेकिन कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करने से यह फायदा बराबर हो जाएगा।