नई दिल्ली : अडाणी समूह को निजीकरण के लिए पेश छह में से पांच हवाई-अड्डों का 50 साल तक परिचालन करने का ठेका मिला है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, लखनऊ, मेंगलुरू और जयपुर हवाईअड्डों के परिचालन के लिए अडाणी समूह ने सबसे ऊंची बोली लगायी है। गुवाहटी हवाईअड्डे के लिए भेजी गई बोलियां मंगलवार को खोली जाएंगी। प्राधिकरण ने विजेता का चुनाव ‘मासिक प्रति यात्री शुल्क’ के आधार पर किया है।
अधिकारी ने बताया कि अडाणी समूह ने जो बोलियां लगायी वह अन्य बोली लगाने वालों की तुलना में अपेक्षाकृत काफी ज्यादा थीं। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यह पांचों हवाईअड्डे अडाणी समूह को सौंप दिए जाएंगे। प्राधिकरण ने एक प्रेस वक्तव्य में बताया कि प्रति यात्री शुल्क के आधार पर अडाणी समूह ने अहमदाबाद के लिए 177 रुपये, जयपुर के लिए 174 रुपये, लखनऊ के लिए 171 रुपये, तिरुवनंतपुरम के लिए 168 रुपये और मेंगलुरू के लिए 115 रुपये की बोली लगायी।
यह राशि अडाणी समूह इन हवाईअड्डों का परिचालन मिलने पर प्राधिकरण को देगा। जीएमआर एयरपोट्र्स लिमिटेड ने इनके लिए क्रमश: 85 रुपये, 69 रुपये, 63 रुपये, 63 रुपये और 18 रुपये की बोली लगायी थी। जीएमआर दिल्ली और हैदराबाद हवाईअड्डों का परिचालन करती है।
अहमदाबाद और जयपुर के लिए दूसरी सबसे ऊंची बोली क्रमश: 146 रुपये और 155 रुपये राष्ट्रीय निवेश एवं अवसंरचना कोष (एनआईआईएफ) और ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने संयुक्त तौर पर लगायी थी। लखनऊ हवाईअड्डे के लिए दूसरी ऊंची बोली एएमपी कैपिटल ने 139 रुपये और तिरुवनंतपुरम के लिए केरल राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 135 रुपये की लगायी।
मेंगलुरू हवाईअड्डे के लिए कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने 45 रुपये की दूसरी सबसे ऊंची बोली लगायी। अभी इन हवाईअड्डों का प्रबंधन प्राधिकरण देखता है। इन छह हवाईअड्डों के परिचालन के लिए 10 कंपनियों ने तकनीकी तौर पर कुल 32 बोलियां लगायीं।