नई दिल्ली: सरकार को बजट में कृषि को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि खरीफ फसलों के उत्पादन में भारी गिरावट से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि कम हो गयी है। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम ने यह बात कही। उसने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र के सकल मूल्यवर्धन की वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 4.1 प्रतिशत की तुलना में कम होकर 1.7 प्रतिशत पर आ गई है।
आधारभूत कीमत के आधार पर वृद्धि इस दौरान 10 प्रतिशत से कम होकर 3.7 प्रतिशत पर आ गयी। इस दौरान खाद्यान्न उत्पादन में 2.8 प्रतिशत की गिरावट आयी और क्षेत्र की वृद्धि कम करने में इसका योगदान रहा। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में खाद्यान्न उत्पादन में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। एसोचैम के महासचिव डी.एस.रावत ने कहा, चूंकि कृषि क्षेत्र में सकल मूल्यवर्धन में पशुपालन, मत्स्यपालन और वानिकी का करीब आधा योगदान होता है, वित्त मंत्री वरुण जेटली को सिंचाई जैसी प्रमुख कृषि ढांचगत संरचना समेत इन क्षेत्रों पर भी ध्यान देना चाहिए।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।