हांगकांग : चीन की सबसे बड़ी कंपनी अलीबाबा अमेरिका के बाद अब हांगकांग के बाजार में शेयर लिस्टिंग का विचार कर रही है। सूत्रों के हवाले से बताया है कि हांगकांग में लिस्टिंग के जरिए अलीबाबा की 20 अरब डॉलर (1.40 लाख करोड़ रुपए) जुटाने की योजना है। कंपनी ने 2014 में अमेरिका में लिस्टिंग के वक्त 25 अरब डॉलर (1.75 लाख करोड़ रुपए) जुटाए थे। वह दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ था। अलीबाबा की 20 अरब डॉलर जुटाने की योजना दुनिया की छठी बड़ी फॉलो-ऑन शेयर बिक्री होगी।
1987 में एनटीटी ने फॉलो-ऑन शेयर सेल के जरिए 36.8 अरब डॉलर, क्राइसिस ऐरा ने 24.4 अरब डॉलर, रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड और लॉयड्स बैंकिंग ग्रुप ने 22.5-22.5 अरब डॉलर और 2012 में अमेरिकी इंश्योरेंस कंपनी एआईजी ने 20.7 अरब डॉलर जुटाए थे। हांगकांग में शेयर बिक्री से मिलने वाली रकम से टेक्नोलॉजी में निवेश के लिए अलीबाबा का वॉर चेस्ट (रिजर्व फंड) मजबूत होगा। अमेरिका से ट्रेड वॉर को देखते हुए चीन की अर्थव्यवस्था को आगे रखने के लिए तकनीक में निवेश चीन की प्राथमिकता है।
अलीबाबा इस साल की दूसरी छमाही में हांगकांग में लिस्टिंग की अर्जी दाखिल कर सकती है। इसके लिए वित्तीय सलाहकारों से बात की जा रही है। विश्लेषक इस बात को कम महत्व देते हैं कि ट्रेड वॉर की वजह से अलीबाबा हांगकांग में लिस्टिंग की योजना बना रही है। उनका कहना है कि भौगोलिक परिस्थितियों की अनदेखी नहीं की जा सकती। ब्रोकरेज फर्म बोकॉम इंटरनेशनल के हेड (रिसर्च) हाओ हॉन्ग का कहना है कि अमेरिका में लिस्टेड चीन की कंपनियों को आकस्मिक योजना (कंटीजेंसी प्लान) तैयार करनी चाहिए।