वाशिंगटन : अमेरिका के उद्योग जगत ने भारत में कंपनी कर में करीब 10 प्रतिशत कटौती की सराहना की है। अमेरिकी उद्योग जगत का कहना है कि यह आर्थिक नरमी को पलट देगा और वैश्विक कंपनियों को भारत में विनिर्माण का केंद्र शुरू करने में मदद करेगा। भारत सरकार ने शुक्रवार को कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर में करीब 10 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की। मौजूदा कंपनियों के लिये यह दर अब 25.17 प्रतिशत तथा नयी विनिर्माण कंपनियों के लिये 17.01 प्रतिशत पर आ गयी है।
सरकार ने देश की आर्थिक वृद्धि दर को छह वर्ष के निचले स्तर से उबारने तथा निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिये ये राहतें दी हैं। अमेरिका- भारत रणनीतिक एवं भागीदारी फोरम के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि कॉरपोरेट कर दरें कम करने की हमारी पुरानी मांग पर सुनवाई करने के लिये हम सरकार की सराहना करते हैं। यह कदम भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा तथा भारत को विनिर्माण का बड़ा केंद्र बनाने का विकल्प उपलब्ध करायेगा।
उन्होंने कहा कि आर्थिक नरमी को पलटने के लिये उठाया गया यह एक स्वागतयोग्य कदम है। अघी ने कहा कि न्यूनतम वैकल्पिक कर कम करने, शेयरों की पुनर्खरीद पर कर समाप्त करने तथा एफपीआई पूंजीगत लाभ पर बढ़ा हुआ अधिभार कर समाप्त करने के निर्णयों से अमेरिका समेत वैश्विक निवेशकों का भारतीय बाजार में भरोसा बढ़ेगा।
अघी ने इस बात का भरोसा जाहिर किया कि न्यूयॉर्क में 24 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली मुलाकात से पहले दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव का समाधान निकाल लिया जाएगा। उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनियों की भारत के बारे में धारणा अब अधिक परिपक्व है।