भारत के विदेशी पूंजी भंडार में 29 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान 3.436 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई और यह 493.480 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई की तरफ से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, कुल विदेशी पूंजी भंडार 22 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान के 490.044 अरब डॉलर से बढ़कर 493.480 अरब डॉलर हो गया।
विदेशी पूंजी भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार (एफसीए), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारतीय भंडार शामिल होते हैं। साप्ताहिक आधार पर विदेशी पूंजी भंडार में सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार 3.503 अरब डॉलर बढ़कर 455.208 अरब डॉलर हो गया।
हालांकि देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 970 लॉख डॉलर घटकर 32.682 अरब डॉलर पर आ गया। लेकिन एसडीआर मूल्य 1.432 अरब डॉलर पर बरकरार रहा। देश का आईएमएफ में भंडार 310 लाख डॉलर बढ़कर 4.158 अरब डॉलर हो गया।
वहीं शेयर बाजार के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को रुपया अपनी आरंभिक कारोबारी बढ़त बरकरार नहीं रख सका और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.58 पर लगभग स्थिर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार घरेलू शेयर बाजार में तेजी, विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने, व्यापार गतिविधियां शुरू होने और अमेरिकी डॉलर के दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में कमजोर होने से स्थानीय मुद्रा को बल मिला।
हालांकि, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद समेत अन्य जोखिम का प्रतिकूल असर रुपये पर पड़ा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होकर 75.38 पर खुला लेकिन बाद में तेजी को बरकरार नहीं रख पाया और अंत में मामूली एक पैसा की गिरावट के साथ 75.58 पर बंद हुआ। यह बृहस्पतिवार को 75.57 पर बंद हुआ था।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुद्रा शोध प्रमुख राहुल गुप्ता ने कहा, ‘‘डॉलर के मुकाबले रुपया 75-75.65 के सीमित दायरे में रहा। निवेशकों को आगे बढ़ने के लिये किसी ठोस संकेत का इंतजार है।