लंदन/नई दिल्ली : सामग्रियों की लागत बढ़ने, इस्पात के दाम घटने तथा बिक्री में गिरावट के कारण आर्सेलर मित्तल को चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में 53.9 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी ने कहा कि पिछले साल की इसी तिमाही में उसे 89.9 करोड़ डॉलर का मुनाफा हुआ था।
इस वित्त वर्ष की जून तिमाही में कंपनी को करीब 40 करोड़ डॉलर का घाटा हुआ था। कंपनी ने कहा कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी बिक्री 1,852.2 करोड़ डॉलर से कम होकर 1,663.4 करोड़ डॉलर पर आ गयी। कंपनी के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने एक बयान में कहा कि जैसा अनुमान था, हम कच्ची सामग्रियों की बढ़ी लागत तथा इस्पात की कम कीमतों के कारण तीसरी तिमाही में भी मुश्किल बाजार परिस्थितियों से जूझते रहे।
कंपनी ने आने वाले समय में बाजार परिदृश्य के बारे में कहा कि 2019 में इस्पात की मांग बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, कंपनी को अमेरिका तथा यूरोप के बाजारों में इस्पात की मांग में कमी आने का अनुमान है। आर्सेलर मित्तल विश्व की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी है। कंपनी जनवरी से दिसंबर वित्त वर्ष का अनुसरण करती है।