नई दिल्ली : एटीएम धोखाधड़ी को रोकने के लिए दिल्ली स्टेट लेवल बैंकर्स कमिटी (एसएलबीसी) ने कुछ उपाय सुझाए हैं। कमिटी ने 2 एटीएम ट्रांजैक्शन के बीच में 6 से 12 घंटे का समय रखने का सुझाव दिया है। अगर इस प्रस्ताव को मान लिया जाता है तो आप निर्धारित समय तक अपने अकाउंट से पैसे नहीं निकाल पाएंगे।
हालांकि यह शुरुआती स्तर का ही सुझाव है। दिल्ली एसएलबीसी के संयोजक और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के एमडी और सीईओ मुकेश कुमार जैन ने कहा, ‘एटीएम से होने वाली अधिकतर धोखाधड़ी रात के समय यानी आधी रात से लेकर तड़के सुबह तक होती है। ऐसे में एटीएम से लेनदेन पर एक खाका खींचना मददगार साबित हो सकता है।’ इस योजना पर पिछले हफ्ते 18 बैंकों के प्रतिनिधियों की बैठक में चर्चा हुई।
साल 2018-19 के दौरान दिल्ली में 179 एटीएम फ्रॉड केस दर्ज किए गए। इस मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र से (233 एटीएम धोखाधड़ी के मामले) केवल कुछ कदम ही दूर है। हाल के महीनों में कार्ड की क्लोनिंग के मामले भी सामने आए हैं जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक शामिल थे। साल 2018-19 में देशभर में फ्रॉड के मामले बढ़कर 980 हो गए, इससे पहले साल इन मामलों की संख्या 911 थी।