बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में आज लगातार दूसरे दिन बैंक कर्मियों की हड़ताल जारी है। देशभर से 9 लाख से ज्यादा कर्मचारी इस हड़ताल में भाग ले रहे हैं। हड़ताल के चलते गुरुवार को प्रभावित रही बैंकिंग सेवाएं के चलते आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक्स यूनियन (यूएफबीयू) ने किया है।
गुरुवार को एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ इंडिया सहित अन्य सरकारी बैंकों की देशभर में एक लाख से ज्यादा शाखाओं में कामकाज ठप रहा। इससे जमा, निकासी, चेक निकासी और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं प्रभावित रहीं। हालांकि, कई जगहों पर एटीएम काम करते रहे।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने दावा किया कि पहले दिन के हड़ताल से 20.4 लाख चेक का क्लियरेंस अटक गया। ससे 18,600 करोड़ रुपये के बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुए। सरकारी बैंककर्मियों की इस हड़ताल के चलते गुरुवार को जमा, निकासी, चेक क्लियरेंस, लोन अप्रूवल जैसे काम प्रभावित हुए।
शेयर बाजार में गिरावट, 300 अंक से ज्यादा टूटा Sensex, 17,200 के नीचे Nifty
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि बुधवार को अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष सुलह-सफाई बैठक विफल रही और यूनियनों ने हड़ताल पर जाने के फैसले को कायम रखा है। सरकार ने बजट 2021-22 में इस साल के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव किया था।