नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को धोखाधड़ी करने और जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ कारगर कदम उठाने को कहा। सरकारी क्षेत्र के बैंकों के साथ राजधानी में एक बैठक में उनके कामकाज की समीक्षा करते हुये वित्त मंत्री ने विश्वास जताया कि अर्थव्यवस्था में लिखा-पढ़ी के साथ संगठित ढंग से कारोबार का विस्तार होने से भारत को आठ प्रतिशत की दर से मजबूत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। बैंकों ने, जहां तक उनके फंसे कर्ज की बात है, इसकी वसूली के लिये प्रयास तेज किये हैं।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंकों ने पुराने फंसे कर्ज में से 36,551 करोड़ रुपये की वसूली की है। पिछले साल की इसी तिमाही में की गई वसूली के मुकाबले यह राशि 49 प्रतिशत अधिक है। पिछले वित्त वर्ष 2017- 18 में बैंकों ने कुल 74,562 करोड़ रुपये की वसूली की है। मंत्रालय के एक अन्य ट्वीट के मुताबिक, जेटली ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न वाणिज्यिक गतिविधियों के औपचारिक तंत्र के तहत आने और बड़े पैमाने पर वित्तीय समावेश होने से देश में खरीद क्षमता बढ़ी है। इससे भारत की वृद्धि गति तेज होगी।
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मंत्रालय के ट्वीट में वित्त मंत्री के हवाले से कहा गया है कि इससे देश को आठ प्रतिशत के आसपास आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। जेटली वित्त मंत्री होने के साथ ही कारर्पोरेट कार्य मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता (आईबीसी), माल एवं सेवाकर (जीएसटी), नोटबंदी और डिजिटल भुगतान जैसे कदमों के जरिये अर्थव्यवसथा को औपचारिक तंत्र में लाने से वित्तीय क्षमता और जोखिम का बेहतर आकलन करने में मदद मिली है।