नई दिल्ली : आभासी मुद्रा बिटकॉइन में आए जोरदार उछाल ने न केवल निवेशकों को आकर्षित किया है, बल्कि बड़ी संख्या में भारतीयों को इस क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार की संभावनायें नजर आ रही हैं। इसी के मद्देनजर लोग बड़ी संख्या में बिटकॉइन के क्रेज को भुनाने में लगे हैं और अपनी कंपनी के नाम के आगे पीछे बिटकॉइन जोड़ रहे हैं। पिछले कुछ सप्ताह में करीब एक दर्जन कंपनियां दर्ज हुई हैं जिनके नाम में बिटकॉइन जुड़ा हुआ है। इनमें से कुछ कंपनियों का पंजीकरण तो हाल ही में हुआ है। इसके अलावा कंपनी पंजीयक के पास बड़ी संख्या में आवेदन लंबित हैं। ऐसी कंपनियों की संख्या कहीं अधिक हैं जिनके नाम के साथ क्रिप्टो जुड़ा है।
बिटकॉइन के भारतीय संस्करण के रूप में इंडिकॉइन और भारतकॉइन के अलावा स्वच्छकॉइन नाम से कंपनियों के पंजीकरण के आवेदन मिले हैं। उद्यमियों और निवेशकों में बिटकॉइन को लेकर यह क्रेज तमाम नियामकीय चेतावनियों के बावजूद जारी है। नियामकों ने बिटकॉइन और उसके अन्य विकल्पों में बिना नियमन के परिचालन को लेकर आगाह किया है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के तहत धन जुटाने में मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण की आशंकाएं भी जुड़ी हुई हैं। नियामकीय एजेंसियों के बीच इस बात की भी चिंता है कि इनकी आड़ में कहीं अवैध रूप से धन जुटाने की गतिविधियां तो नहीं चल रहीं हैं। इस तरह की कुछ फर्जी कंपनियों को पकड़ा भी गया है। नियामक और सरकारी विभाग इस बारे में अपनी जांच को आगे बढ़ा रहे हैं। इन विभागों के अधिकारियों का कहना है कि वे इस नए आकर्षण को समझने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद उद्यमी इससे जुड़े जोखिमों को लेकर बेपरवाह हैं। गाजियाबाद से लेकर कानपुर तक और दार्जिलिंग से लेकर जयपुर तथा दिल्ली से अहमदाबाद, मुंबई तक क्रिप्टोकरेंसी का आकर्षण बढ़ रहा है। इन नामों के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों ने अलग-अलग कारोबारी गतिविधियों के लिये प्रस्ताव किया है। इस तरह के नामों के साथ आने वाली कंपनियों में एक कंपनी ने खुदरा व्यापार-व्यक्तिगत और परिवार में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की मरम्मत का कारोबार करने की गतिविधि दिखाई है तो एक अन्य कंपनी ने वित्तीय मध्यस्थ इकाई के रूप में कारोबार करने की इच्छा जताई है।
एक अन्य कंपनी का कहना है कि खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का आवेदन दिया है। एक कंपनी ने दुनियाभर में दंत चिकित्सकों के लिए क्रिप्टो कॉइन का प्रस्ताव किया है। इस कंपनी ने बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने और बीमा दावों को सुगम बनाने का वादा किया है। बड़ी संख्या में नई इकाइयां सीमित दायित्व भागीदारी माडल (एलएलपी) के तहत स्थापित की गई हैं। वहीं कई अन्य प्राइवेट कंपनियों के रूप में पंजीकृत हुई हैं। कई सूचीबद्ध कंपनियां अपने संविधान में बदलाव करने के बारे में सोच रही हैं जिससे उनके नाम के साथ बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी का नाम जुड़ सके। कई इकाइयां सिर्फ डिजिटल क्षेत्र में काम कर रही हैं और ये कंपनियां वेबसाइट या आनलाइन एक्सचेंज स्थापित कर रही हैं।
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