लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

बीपीसीएल का जल्द होगा निजीकरण, सरकार बेचेगी अपनी पूरी हिस्सेदारी

सरकार ने शनिवार को दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की

देश में सबसे बड़ी निजीकरण पहल के तहत सरकार ने शनिवार को दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की। 
निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) के बोली दस्तावेज के मुताबिक बीपीसीएल की रणनीतिक बिक्री के लिए दो मई तक रुचि पत्र सौंपे जा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि भारत सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी शेयरहोल्डिंग के रणनीतिक विनिवेश का प्रस्ताव कर रही है। इसमें 114.91 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल हैं जो कि बीपीसीएल की कुल इक्विटी पूंजी का 52.98 प्रतिशत है। 
इसके साथ ही कंपनी का प्रबंध नियंत्रण भी रणनीतिक खरीदार के हवाले किया जायेगा। इस विनिवेश प्रस्ताव में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) में बीपीसीएल की 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल नहीं है। एनआरएल की यह हिस्सेदारी किसी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी को बेची जाएगी। बोली दो चरणों में लगाई जाएगी।
पहले चरण में कंपनी को खरीदने में रुचि दिखाने वाले सफल बोलीदाता को दूसरे चरण में वित्तीय बोली लगाने के लिए कहा जाएगा। बोली आमंत्रण के लिये जारी दस्तावेज में कहा गया है कि निजीकरण में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां “भाग लेने के योग्य नहीं हैं।
 कोई भी निजी कंपनी जिसकी कुल निवल संपत्ति 10 अरब अमेरिकी डॉलर है, वह कंपनी के रणनीतिक विनिवेश में भाग ले सकती है और अधिकतम चार कंपनियों के समूह को बोली लगाने की इजाजत दी जाएगी। बोली की शर्तों के अनुसार ऐसे समूह के अग्रणी सदस्य को कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सेदारी लेनी होगी जबकि अन्य सदस्यों के पास न्यूनतम एक अरब डॉलर की निवल परिसंपत्ति होनी चाहिये। 
इसमें कहा गया है कि कोई भी समूह जो बोली लगाता है उसके सदस्यों में यदि बदलाव किया जाता है तो वह 45 दिनों के भीतर करनी होगी, लेकिन अग्रणी सदस्य नहीं बदल सकता है।बीपीसीएल के पास देश की तेल रिफाइनरी क्षमता का 14 प्रतिशत हिस्सा है और ईंधन बाजार में उसकी करीब एक चौथाई हिस्सेदारी है।
बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण करीब 87,388 करोड़ रुपये का है और मौजूदा बाजार मूल्य पर सरकार की हिस्सेदारी करीब 46,000 करोड़ रुपये बैठती है। सफल बोलीदाता को उसी दाम पर अन्य शेयरधारकों से भी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश करनी होगी। बीपीसीएल देश में चार रिफाइनरियां चलाती हैं।
महाराष्ट्र में मुंबई, केरल में कोच्चि, मध्य प्रदेश में बीना और असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरियां बीपीसीएल की हैं। इनकी कुल दोहन क्षमता 3.83 करोड़ टन सालाना है। देशभर में बीपीसीएल के कुल 15,177 पेट्रोल पंप और 6,011 एलपीजी वितरक एजेंसियां हैं। इसके अलावा उसके 51 एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र भी हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है और इसे पूरा करने के लिए बीपीसीएल का निजीकरण जरूरी है। सरकार ने रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया के प्रबंधन और इस विषय पर सलाह देने के लिए डेलोइट टोशे टोमात्सु इंडिया एलएलपी को अपने सलाहकार के रूप में अनुबंधित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

three × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।