नई दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि 2019-20 का बजट पहले के मुकाबले बिल्कुल अलग है जिसमें छोटी चीजों के बजाय बड़ी तस्वीर पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिये स्पष्ट दिशा तय कर दी गई है। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट प्रस्तावों को लीक से हटकर बताते हुए कुमार ने कहा कि इसका दायरा काफी व्यापक है जिसमें अगले 10 साल के लिये रूपरेखा पेश की गई है।
विपक्षी दलों की इस आलोचना पर कि बजट में मध्यम वर्ग के लिये कुछ नहीं है, नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि छह महीने पहले ही अंतरिम बजट में कर छूट दी गयी थी और राजकोषीय बाधाओं के कारण इस प्रकार की छूट बार-बार नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि आपको पता है कि छह महीने पहले ही मध्यम वर्ग के लिये आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गयी, फिर आप क्यों चाहते हैं कि फिर से ऐसा किया जाये।
इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में नरेंद्र मोदी सरकार ने ने 5 लाख रुपये तक की कर योग्य आय वालों को आयकर से छूट देने की घोषणा की है। कुमार ने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार को विकास से जुड़े सभी कार्यों के लिये राजकोषीय संसाधन की जरूरत है और वह इसकी कोशिश कर रही है। साथ ही निवेशकों की भी मदद करनी है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में निजी निवेश आकर्षित करने और निवेशकों को एक भरोसा देने के लिये काफी प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इसमें मोदी के दूसरे कार्यकाल के लिये स्पष्ट रूपरेखा है।
पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि के मुद्दे पर कुमार ने कहा कि पेट्रोल के मामले में यह बहुत ज्यादा नहीं होगा। जहां तक डीजल का सवाल है, उसका मुद्रास्फीति पर केवल मामूली प्रभाव पड़ेगा। सोने पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने के बारे में उन्होंने कहा कि यह बुरा विचार नहीं है और संसाधन जुटाने के लिहाज से भी यह जरूरी है। कुमार ने कहा कि इस बजट में देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था के लिये उच्च वृद्धि को लेकर खाका पेश किया गया है।