केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़े निर्णय के तहत भारतीय कंपनियों को विदेशी बाजारों में शेयर सूचीबद्ध कराने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी। इस निर्णय के अनुसार ऐसी भारतीय कंपनयां भी विदेश में सूचीबद्धता के आवेदन कर सकती हैं जो भारत में सूचीबद्ध नहीं हैं।
इस नयी व्यवस्था के लिये कंपनी कानून, 2013 के तहत उपयुक्त प्रवाधान बनाये जाएंगे। फिलहाल कुछ ही भारतीय कंपनियां केवल अपने अमेरिकी डिपाजिटरी रसीद (एडीआर) और ग्लोबल डिपोजिटरी रिसीट (जीडीआर) अमेरिका और कुछ अन्य बाजारों में सूचीबद्ध कराती रही हैं। इन कंपनियों के डिपोजिटरी रसीद कंपनी के भारत में सूचीबद्ध शेयरों के आधार पर विदेशी मुद्रा में उल्लेखित प्रतिभूति/उत्पाद होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारतीय कंपनियों के विदेशों में सूचीबद्ध होने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।
इससे जो कंपनियां अपने कारोबार का विस्तार करना चाहती हैं उन्हें कोष जुटाने का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा। साथ ही विदेशों में सूचीबद्धता से देश में और पूंजी लाने में मदद मिलेगी।
कॉरपोट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि कानून में सूचीबद्धता तथा भारत गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को अपने शेयर विदेशों में सूचीबद्ध कराने को लेकर उयपुक्त प्रावधान होगा। यह प्रावधान कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा।’’
उन्होंने कहा कि संबंधित नियम में कंपनियों की श्रेणी, उत्पादों का प्रकार जिसे सूचीबद्ध कराया जा सकता है और अन्य चीजों को अधिसूचित किया जाएगा।
सचिव के अनुसार इस योजना के क्रियान्वयन में कुछ महीने का समय लग सकता है। इस मौके पर वित्त मंत्री और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थी।