केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने सबूतों के आधार पर जीएसटी अधिकारियों को करदाताओं के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पर रोक लगाने के निर्देश दिए है। इस संबंध में उसने दिशा-निर्देश भी जारी किये है। उन्होंने अपने दिशा-निर्देशों में पांच ऐसी परिस्थितियों को निर्धारित किया गया है, जिसके तहत एक वरिष्ठ कर अधिकारी आईटीसी सेवाओं पर रोक लगा सकते हैं। इसमें बिना किसी बिल या वैध दस्तावेज के आईटीसी वसूलना या ऐसे किसी बिल पर आईटीसी का लाभ उठाना भी शामिल है, जिस पर विक्रेताओं द्वारा जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया है।
रोक लगाने के लिए बनानी चाहिए एक राय
जीएसटी अधिकारियों को निर्देश देने के बाद सीबीआइसी ने कहा कि आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत एक अधिकारी (जो सहायक आयुक्त के पद से नीचे का न हो) को मामले के सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद ही करदाताओं के आईटीसी पर रोक लगाने के लिए एक राय बनानी चाहिए।
2019 में दिया गया था, आईटीसी पर रोक लगाने का अधिकार
भारत सरकार ने दिसंबर 2019 में जीएसटी नियमों में 86ए नियम पेश किया था। इसके नियम के तहत ‘कर’ अधिकारियों को पुख्ता जानकारी होने पर ही करदाताओं के इलेक्ट्रॉनिक बही-खाते में उपलब्ध आईटीसी पर रोक लगाने का अधिकार दिया गया था। ‘कर’ अधिकारियों ने पिछले महीने तक इसी नियम के तहत 66,000 व्यापारियों के 14,000 करोड़ रुपये के आईटीसी को अवरुद्ध कर दिया था।