पर्यटन मंत्रालय में अतिरिक्त महानिदेशक रूपिंदर बराड़ ने यह बात कही। केंद्र ने बुधवार को कहा कि वह होटल के कमरों पर ‘भारी’ जीएसटी (माल एवं सेवा शुल्क) का मुद्दा निश्चित रूप से जीएसटी परिषद की बैठक में उठाएगा क्योंकि यह पर्यटन उद्योग को प्रभावित करता है।
उन्होंने यहां ‘‘ओडिशा पर्यटन सम्मेलन’’ से इतर संवाददाताओं से कहा कि सरकार उद्योग की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है और उन्हें यकीन है कि सरकार विभिन्न आयामों और तथ्यों पर गौर करेगी जो पर्यटन को प्रभावित कर रहे हैं।
उनका यह बयान महत्वपूर्ण है क्योंकि यह केरल के कोवलम में पर्यटन मंत्रियों के सम्मेलन के दो दिन बाद आया था। उस बैठक में विभिन्न राज्यों ने होटल कमरों पर उच्च जीएसटी दर को लेकर चिंता व्यक्त की थी और इसमें कमी लाए जाने की मांग की थी।
बराड़ ने कहा कि सरकार इसका अध्ययन करेगी कि जीएसटी दर उद्योग पर कितना असर डाल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि वे (जीएसटी परिषद) कोई फैसला करेंगे जो न केवल उद्योग के बल्कि पूरे देश के हित में भी होगा।’’
ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे लेकिन वह नहीं आ सके। राज्यपाल ने कहा कि ओडिशा के प्राकृतिक संसाधनों जैसे जंगलों, झीलों, पहाड़ियों और अन्य को प्रचारित करने की आवश्यकता है ताकि ओडिशा में अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
ओडिशा के पर्यटन मंत्री जे पी पाणिग्रही ने कहा कि राज्य का उद्देश्य पुरी को एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है और इसके लिए सरकार ने 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।